पक्ष-विपक्ष में तकरार, राठौड़ ने कहा- सत्ता में बैठे लोग राजा हरिश्चंद्र की संतान
राजस्थान विधानसभा के शुन्यकाल में सदन की कार्रवाई के दौरान मंगलवार को पक्ष-विपक्ष के लोगों में नोंक-झोंक हुई. शून्य काल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2020-21 और 2021-22 में सड़कों के लिए घोषणा की है.
Jaipur: राजस्थान विधानसभा के शुन्यकाल में सदन की कार्रवाई के दौरान मंगलवार को पक्ष-विपक्ष के लोगों में नोंक-झोंक हुई. शून्य काल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2020-21 और 2021-22 में सड़कों के लिए घोषणा की है.
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इसमें नई और पेचेबल सड़कें शामिल है. कटारिया ने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. कटारिया ने कहा कि सड़कों के मामले में प्रतिपक्ष के विधायक के प्रस्ताव पर काम नहीं हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष बोले कि ऐसा तो है नहीं कि हम गलत प्रस्ताव देते हैं और सत्तापक्ष के विधायक राजा हरिश्चंद्र की संतान हैं. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को प्रतिपक्ष सहित सभी 200 विधायकों से बातचीत कर प्रस्ताव पर सहमति देनी चाहिए.
इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी आसन से अपने चेंबर में चले गए और आसन पर सभापति जेपी चंदेलिया आए. तभी उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी सड़कों को लेकर लगाए स्थगन पर बोलने लगे. इसी दौरान राजेंद्र राठौड़ और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. राजेंद्र राठौड़ की ओर से यह मुद्दा उठाने पर डोटासरा ने कहा कि 2014 में आप की सरकार ने हमारे साथ क्या किया था?.
एक सड़क या हैंडपंप तक नहीं दिया हमको. डोटासरा बोले कि अब किस मुंह से आप हमसे उम्मीद करते हो? इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम आपकी तरह मिनी बस की सवारी नहीं हैं. आप लोग तो केवल एक मिनी बस में आने लायक थे, हम किसी की दया पर आश्रित नहीं है. विपक्ष में 73 नौजवानों का बेड़ा बैठा है, ' सरकार को नाकों चने चबवा देंगे'. राठौड़ ने विपक्ष की सीटों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप तो फिर से इसी तरफ आने की तैयारी कर रहे हो. हंगामा बढ़ता देख सभापति जेपी चंदेलिया ने किसी को भी बोलने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद जाकर मामला शांत हुआ और सदन की कार्रवाई सुचारू हो सकी.
शुन्यकाल में विधानसभा में गहमागहमी का माहौल रहा. पक्ष-विपक्ष के बीच हुई तू-तू मैं-मैं हुई. वहीं प्रतिपक्ष के नेता और उप नेता ने ध्यान आकर्षित किया. सड़कों के प्रस्ताव को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था. वहीं राठौड़ ने कहा कि विपक्ष की तरफ से दिए गए प्रस्तावों पर नहीं हो रहा काम. कटारिया बोले - ऐसा तो है नहीं, कि हम गलत प्रस्ताव देते हों और सत्ता पक्ष में बैठे सभी लोग राजा हरिश्चंद्र की संतान हो.
वहीं स्पीकर ने सरकार को सुझाव दिए. विपक्ष के सदस्यों से भी बात करके आप तय कर लीजिए. सभी 200 विधायकों से बात करके जिनके प्रस्तावों पर सहमति बन सकती है. जिस पर सीपी जोशी ने कहा कि उन पर काम होना चाहिए. इसके बाद स्पीकर अपने चेंबर में चले गए. आसन पर सभापति जेपी चंदेलिया आए. तो गोविंद सिंह डोटासरा और राजेंद्र राठौड़ में भी नोकझोंक हुई.
पलटवार करते हुए डोटासरा बोले- 2014 में आप की सरकार ने हमारे साथ क्या किया था? एक सड़क, एक हैंडपंप नहीं दिया हमको. साथ ही डोटासरा ने बोला कि किस मुंह से आप हम से उम्मीद करते हो? जिस पर राजेंद्र राठौड़ ने भी जवाब दिया. कहा - हम आपकी तरह मिनी बस की सवारी नहीं हैं. आप लोग तो केवल एक मिनी बस में आने लायक थे. हम किसी की दया पर आश्रित नहीं हैं.
विपक्ष में 73 नौजवानों का बेड़ा बैठा है. राठौड़ बोले - सरकार को नाको चने चबवा देंगे. विपक्ष की कुर्सियों की तरफ इशारा करके राठौड़ बोले कि आप तो फिर से इस तरफ ही आने की तैयारी कर रहे हो.
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इस बीच प्रताप सिंह खाचरियावास बोले कि घमंड रावण का भी नहीं चला आपका भी नहीं चलेगा. बीजेपी के नारायण सिंह देवल बोले- घमंड आपको है, आप सत्ता में घमंड से चूर हो. इस बीच सभापति जेपी चंदेलिया ने दखल दिया और कहा कि आसन की बिना अनुमति के कोई सदस्य नहीं बोले.