Sammed Shikhar ji सम्मेद शिखर जी मामले में राजस्थान में चार दिन में दो जैन मुनियों ने दिया बलिदान, पांच दिनों से थे उपवास पर
Sammed Shikhar ji: झारखंड स्थित सम्मेद शिखर देशभर में जैन समाज की आस्था से जुड़ा विषय है. केंद्र सरकार के पर्यटन स्थल घोषित करने के बाद इसका विरोध काफी तेज हो गया है. राजस्थान में भी विरोध जारी है. बीते चार दिनों में 2 जैन मुनियों ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिए हैं. जयपुर में भी विरोध जारी है. पांच दिनों से जैन मुनी उपवास पर थे.
Sammed Shikhar ji : झारखंड स्थित सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ जैन समाज लगातर आंदोलनरत है. इस कड़ी में जयपुर से बीते चार दिन में दो मुनियों ने अन्न का त्याग कर तीर्थ की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया.
सांगानेर संघीजी स्थित जैन मंदिर में आचार्य सुनील सागर के संघस्थ मुनि समर्थ सागर ने भी देर रात दो बजे के करीब देह त्याग दी. मुनि बीते पांच दिनों से उपवास पर थे. इससे पहले गुरुवार शाम को केंद्र सरकार ने तीन साल पहले जारी अपने आदेश में संशोधन किया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में सभी पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे.
इधर जैन समाज ने मांग की है कि नोटिफिकेशन पूरी तरह से निरस्त हो साथ ही तीर्थ को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया जाए, ताकि धार्मिक भावनाएं आहत न हो. जैन मुनियों ने भी संशोधन को पूरी तरह से सही नहीं बताया है. मंगलवार को भी मुनि सुज्ञेय सागर बीते नौ दिन से उपवास पर थे, दोपहर में उनका समाधिमरण हो गया था. दोनों मुनियों के बलिदान के लिए समाज जनों ने उन्हें नमन किया. इसके बाद मुनि का जैन नसियां रोड स्थित वीरोदय नगर प्रांगण में अंतिम संस्कार किया.
दरअसल झारखंड का हिमालय माने जाने वाले इस स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी स्थापित है. इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की. यहां 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जी ने भी निर्वाण प्राप्त किया था. पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं.
जंगलों, पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए कई किलोमीटर की यात्रा तय कर शिखर पर पहुंचते हैं. 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर जी को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था. इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया. गिरिडीह जिला प्रशासन ने नागरिक सुविधाएं डेवलप करने के लिए 250 पन्नों का मास्टर प्लान भी बनाया है.