जयपुर: पूरे देश में कांग्रेस का संगठनात्मक चुनाव चल रहा है.राजस्थान कांग्रेस चुनाव पीआरओ के रूप में आज संजय निरुपम मुम्बई से जयपुर पहुंचे.प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय यानी पीसीसी मुख्यालय में एपीआरओ और संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक ली. संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया को लेकर एपीआरओ और संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा की.


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संगठन में सबसे पहले बूथ प्रमुख,ब्लॉक अध्यक्ष का चुनाव होगा. इसी प्रक्रिया के आधार पर जिलाध्यक्ष का चुनाव होगा. इसके बाद एआईसीसी सदस्य का चुनाव होगा, उसके बाद प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. सभी लोग मिलकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया को लेकर जयपुर में एपीआरओ और संगठन पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की गई.


राज्यसभा चुनाव के लिए संगठन का चुनाव आगे बढ़ाया गया


राजधानी जयपुर में राजस्थाान कांग्रेस चुनाव पीआरओ संजय निरुपम मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि चिंतन शिविर में 10 जून तक संगठनात्मक चुनाव कराने का निर्णय लिया गया था, लेकिन राज्यसभा के चुनाव होने के चलते इस संगठनात्मक के चुनाव को 5 दिन ओर आगे बढा दिया गया है. संगठनात्मक कामकाज को ओर बेहतर करने के लिए बहुत सुझाव लिए गए, जो व्यक्ति 5 साल तक एक पद पर है उसको दोबारा उसपर रिपिट नहीं किया जाएगा.उसको ओर प्रमोशन देकर किसी और को मौका दिया जाएगा. उस पद के लिए 2 से 3 साल के लिए विश्राम दिया जाएगा.


निरूपम ने ली संगठनात्मक चुनाव की बैठक


चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्षता ने फैसला लिया कि पार्टी में एक व्यक्ति के पास एक ही पद पर रहेगा.यदि किसी व्यक्ति के पास दो-या दो से अधिक पद पर है, जैसे जिलाध्यक्ष और प्रदेश में उपाध्यक्ष भी होते हैं, ऐसे में संगठन में एक ही पद रखे. ताकि लोगों को संगठन में मौका मिले, जिससे जिम्मेदारी दी जा सके. पार्टी में इतने नेता होने के कारण किसी को पद नहीं देने के कारण नाराज रहते हैं. ऐसे मं इस नाराजगी को दूर करने के लिए पार्टी ने एक व्यक्ति के पास एक ही पद का निर्णय लिया.


कांग्रेस पार्टी 130 साल पुरानी पार्टी है. समय समय पर अपने अलग राज्यों,जिलों में कार्यालय बनाए हुए हैं. इनको मेंटिनेंस करने के लिए इनके रजिट्रेशन और टैक्स जैसी कोई कमियां नहीं हो उसको लेकर पार्टी की ओर से एक लंबे समय से प्रक्रिया चल रही है. पार्टी को ओर अच्छे से बेहतर तरीके से चलाने के लिए पार्टी की ओर से ज्यादा लोगों को जिम्मेदारियां दी जाएगी.ये सारे फैसले एआईसीसी की ओर से लिए जाते हैं.


हनुमान चालीस पढ़ने पर पीआरओ संजय निरुपम ने बताया कि मैं खुद हनुमान चालीसा पढ़ने वाला व्यक्ति हूं. कोई भी हिंदू हनुमान चालीसा के खिलाफ नहीं जा सकता. हनुमान चालीसा कहां पढ़ना है कैसे पढ़ना यह मायने रखता है.आप अपने घर और मंदिर में हनुमान चालीसा पढ़ते हैं यह स्वागत योग्य है .यदि कोई चैलेंज करते है कि मैं आपके घर के सामने पढूंगा या पढूंगी रोक के दिखा दो इस तरह से आप हनुमान चालीसा के नाम पर साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर रहे हैं. यदि कोई कहे कि मैं हनुमान चालिसा मस्जिद के बाहर आकर पढूंगा या फिर कोई कहे मैं मंदिर के बाहर आकर कुरान पढूंगा क्या किसी को अच्छा लगेगा, भारत में सभी धर्मों को अपनी धार्मिक गतिविधियां करने आचरण करने की आजादी मिली है.