सोशल मीडिया पर लोगों से जुड़े सतीश पूनिया, बढ़ते अपराधों पर गिनाई सरकार की नाकामियां
राजस्थान सरकार को बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए घेरते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़े. सोशल सेशन के दौरान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने फेसबुक और ट्विटर पर प्रदेशवासियों से रूबरू हुए. इस दौरान पूनिया ने एक - एक कर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार की नाकामियां गिनाई. उन्होंने अपराध, बेरोजगारी, और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा.
Jaipur: राजस्थान सरकार को बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए घेरते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़े. सोशल सेशन के दौरान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने फेसबुक और ट्विटर पर प्रदेशवासियों से रूबरू हुए. इस दौरान पूनिया ने एक - एक कर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार की नाकामियां गिनाई. उन्होंने अपराध, बेरोजगारी, और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा.
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पूनिया ने कहा कि वे ऐसे मुद्दे को लेकर लोगों के बीच आए हैं जिसे सामान्य रूप से केवल एक सियासी तौर पर नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह उनके मन को परेशान किया है. राजस्थान की साख, राजस्थान की प्रतिष्ठा, उसके शांतिपूर्ण होने में, सद्भाव में, समरसता में समाहित है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान की परंपरा, संस्कृति, आचार विचार, भाईचारा इस पर शायद कदाचित किसी की नजर लग गई है, यह नजर जादूगर की लगी है, किसी और की लगी होती तो शायद यकीन नहीं होता.
वही जादूगर जो गुजरात में जाकर राजस्थान मॉडल की बात करते हैं, कौन सा मॉडल? 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव होता है, कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होता है, उसमें एक भरोसा दिलाया जाता है, वादा किया जाता है, विश्वास दिलाया जाता है कि, जन सुरक्षा देंगे, महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देंगे, उनकी सुरक्षा का हम पूरा ख्याल रखेंगे, पुलिस को आधुनिक बनाएंगे, संसाधनों से लैस करेंगे.
पूनिया ने कहा कि जन घोषणापत्र की कितनी बातें थोथी हैं, कितनी कागज से धरातल पर उतरी हैं, मैं उन पर नहीं जाता. आज के लोकतंत्र में और शासन व्यवस्था में, यदि किसी प्रदेश की कोई तरक्की का कारक है, बहुत सारे पैमाने और बहुत सारे मापदंड हैं, कहीं आर्थिक रूप से, कहीं जनसंख्या के आंकड़ों के अनुपात में, कई भौगोलिक सामाजिक संसाधन, इन तमाम बातों का उसमें समायोजन होता है.
किसी प्रदेश में सुख शांति होगी तो वहां आर्थिक तरक्की भी होगी, निवेश भी आएगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहां के नागरिक खुशहाल होंगे,उनका हैप्पी इंडेक्स बढ़ेगा, तो वहां बाकी कारक भी प्रभावित होंगे, शिक्षा जैसा मसला भी. इसलिए कुल मिलाकर सबसे पहला कारक आज मैं मानता हूं इस भौतिक युग में, इस नई शासन व्यवस्था में, इस लोकतंत्र में कानून व्यवस्था मजबूत, अपराध पर नियंत्रण, यह सबसे बड़ा कारक है.
पूनिया ने आगे कहा कि जन सुरक्षा का भरोसा देने वाली वही अशोक गहलोत सरकार जन घोषणा पत्र में यह वादा करती है, लेकिन इस सरकार के शासन के 1351 दिनों में 7 लाख 97 हजार 643 मुकदमे यह अपने आपमें इस बात की बानगी है .
यह मुकदमे मुख्यमंत्री की नजर में 47% फेक हैं, जो मुकदमे दर्ज होते हैं उनका लॉजिक दिया जाता है कि हमने FIR फ्री कर दी है, आप जाइए एसपी के यहां रजिस्टर्ड कीजिए, वो एफआईआर के रूप में तब्दील हो जाएगी.
किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि प्रदेश की सरकार की उसके जो राज्य सूची के विषय हैं, उसमें कानून व्यवस्था भी प्रमुख विषय है, वह राज्य सूची का ही है, कानून व्यवस्था प्रदेश का गृह मंत्रालय करता है.
लेकिन गृह मंत्रालय के राजस्थान के कानून व्यवस्था को ठीक करने की बानगी, जो मैं आज आपके समक्ष आया कि मुख्यमंत्री द्वारा राजस्थान के मॉडल के बारे में गुजरात में कहा जाता है, कौन सा दुष्कर्म में नंबर 1, भ्रष्टाचार में नंबर 1, महंगाई में नंबर एक, डीजल पेट्रोल की सर्वाधिक कीमत में नंबर 1, साइबर क्राइम में नंबर वन, बिजली की महंगाई में नंबर वन.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो जो कहता है चौंकाने वाली बात है, हम सब उस सभ्य देश और प्रदेश के नागरिक हैं जहां महिलाओं की सुरक्षा को घर की चारदीवारी से लेकर किसी बस्ती तक और बस्ती से आगे भी कहीं किसी गांव तक, एक ऐसा संरक्षण मिलता था, उसकी सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान को आंच नहीं आती थी.
पूनिया ने कहा कि आज हम शर्मसार हैं ऐसी सरकार की सरपरस्ती में जहां नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इस बात को प्रमाणित करता है आंकड़ों के जरिए, जहां 6337 दुष्कर्म के आंकड़े हैं, 17 दुष्कर्म प्रतिदिन, क्या राजस्थान शर्मसार नहीं होगा? कांग्रेस शासन में आज राजस्थान अपराधों के मामले में नंबर वन है.
यही बात है कि जब उदयपुर में कन्हैयालाल का गला काट दिया जाता है, तो उदयपुर के पर्यटन को सबसे ज्यादा प्रभावित होना पड़ता है, सबको ध्यान है कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा कारक है यहां का पर्यटन.
भारत आने वाला हर तीसरा पर्यटक राजस्थान घूमने आता है, वह जयपुर, जोधपुर, उदयपुर जरूर जाता है. प्रदेश की कानून व्यवस्था की कमजोरी के कारण यहां के नागरिकों की रोजी-रोटी पर लगातार मार पड़ रही है.
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