Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के सलाहकरों की नियुक्ति का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति को लेकर कटाक्ष किया है.


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पूनिया ने कहा कि गहलोत ने केवल अपनी सरकार बचाने के लिए इनकी नियुक्ति की है. इन सलाहकारों का संवैधानिक वजूद नहीं है, ना इन्हें तो मंत्री पद मिलेगा और ना ही वेतन-भत्ते का लाभ इसलिए ये केवल कागजी ही रहेंगे. इस तरह के सलाहकार का पद शायद अब कोई फकीर ही स्वीकार कर सकता है. 


इसके साथ ही पूनियां ने मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) पर कहा कि सामान्य प्रसव पीड़ा नौ महीने की होती है लेकिन कांग्रेस (Congress) के मंत्रिमंडल की पीड़ा को 3 साल हो गए हैं. इसके बाद भी कांग्रेस सरकार में अंतर्कलह दूर नहीं हुआ है. ऐसे में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन का भी राजस्थान (Rajasthan Government) की जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगा. पुरानी शराब और नई बोतल का मामला है.