जल्द ब्यूरोक्रेसी में भी दिखेगा बदलाव, मंत्री पसंद के अधिकारियों के नाम भेज रहे CMO
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जल्द ब्यूरोक्रेसी में भी दिखेगा बदलाव, मंत्री पसंद के अधिकारियों के नाम भेज रहे CMO

राजस्थान (Rajasthan Government) में 21 नवंबर को गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो गया.

ब्यूरोक्रेसी में भी दिखेगा बदलाव

Jaipur: गहलोत सरकार में मंत्री पुनर्गठन के बाद ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है. सीएमओ आईएएस और आरएएस (CMO IAS and RAS) की लिस्ट की तैयारी पर मंथन कर रहा है. इन तबादला सूची में नवनियुक्त मंत्रियों को प्राथमिकता दी जा रही है. सभी मंत्रियों की पसंद पर लिस्ट तैयार होगी ताकि आपसी सामंजस्य से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को मिल सके. 

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राजस्थान (Rajasthan Government) में 21 नवंबर को गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो गया. इसके बाद 22 नवंबर को सभी मंत्रियों को उनके विभाग भी बांट दिए गए. 23 नवंबर को लगभग सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों का पदभार संभालने के साथ ही काम शुरू कर दिया, क्योंकि सरकार के पास अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. सीधे तौर पर देखा जाए तो 2 साल के वक्त में से सरकार के पास काम करने के लिए सिर्फ डेढ़ साल का वक्त है. उसके बाद आचार सहिंता लग जाएगी. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों को जमीनी स्तर पर काम करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सभी मंत्रियों खी पसंद के हिसाब से अफसर लगाने के निर्देश भी दिए हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय इन दिनों आरएएस, आईएएस और आईपीएस की सूची तैयार करने में लग गया है. 

माना जा रहा है कि जल्द बड़े स्तर पर जिला कलेक्टर और एसडीएम बदले जा सकते हैं. इसके साथ ही सचिवालय में लगे सचिव शासन सचिव भी बदले जा सकते हैं. हालांकि इनकी तबादला सूची 1 महीने देरी से इसलिए आ सकती है क्योंकि 31 दिसंबर के बाद इन सभी का प्रमोशन होना है. ऐसे में प्रमोशन होने के बाद जनवरी में दोबारा लिस्ट जारी नहीं करनी पड़े इसलिए इस सूची को एक महीना रोका जा सकता है.

पहले भी रहा है मंत्री और अफसरों में विवाद: 
तत्कालीन परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और रोडवेज सीएमडी राजेश्वर सिंह के बीच विवाद हुआ, तो राजेश्वर सिंह का तबादला करते हुए राजस्व बोर्ड अजमेर भेज दिया.  
एनएचएम के तत्कालीन निदेशक समित शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के बीच नियुक्तियों को लेकर विवाद हुआ, उसके बाद समित शर्मा को वहां से हटा दिया गया.
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एवं आयुक्त राजेश यादव और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच काफी समय तक अनबन रही तो सरकार ने राजेश यादव को परिवहन विभाग से हटा दिया. 
माइंस के मामलों को लेकर खान विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव दिनेश कुमार और मंत्री प्रमोद जैन भाया के बीच भी विवाद काफी चर्चित रहा, लिहाजा उनका भी छह माह में ही ट्रांसफर कर दिया गया.
मंत्रियों और विधायकों के निशाने पर रहे IAS यज्ञमित्र सिंह देव, डा. कुंजबिहारी पांड्या, संदेश नायक, हिमांशु गुप्ता, अंशदीप और ओमप्रकाश को अपने तत्कालीन पदों से हटना पड़ा था.  
पूर्व खाद्य मंत्री रमेश मीणा के साथ तनातनी के चलते IAS मुग्धा सिन्हा को अपने पद से हटना पड़ा था.
पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से टकराने वाले IAS एच गुइटे और श्रेया गुहा को भी हटना पड़ा.
IAS नरेशपाल गंगवार और मंत्री उदयलाल आंजना के बीच कंट्रोवर्सी हुई तो गंगवार को सहकारिता से हटाकर उद्योग विभाग में लगा दिया गया था.
IAS मंजू राजपाल के शिक्षा विभाग में रहते हुए उनकी शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से अनबन चलती रही थी. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने मंजू राजपाल को वहां से हटा दिया था.
अभी मंत्रियों के लगने वाले विशिष्ट सहायक के लिए भी मंत्रियों के पास कई नाम आ रहे हैं, मंत्री उनकी सूची सीएमओ भेजेंगे और उसके बाद उनके नए विशिष्ट सहायक लगाए जाएंगे.

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