Sawan Somwar 2023: सावन के दूसरे सोमवार पर मंत्री शकुंतला रावत ने किया रूद्राभिषेक, कहा- शिव की कृपा से प्रदेश में समृद्धि- खुशहाली
Sawan Somwar 2023: राजस्थान में श्रावण मास के दूसरे सोमवार को देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत ने जयपुर के श्रीप्रतापेश्वर मंदिर में सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक किया. उन्होंने रूद्रीपाठ के उच्चारण के बीच विधि-विधान के साथ रूद्राभिषेक किया और प्रदेश में समृद्धि-खुशहाली और अच्छी वर्षा की कामना की.
Sawan Somwar 2023: राजस्थान में श्रावण मास के दूसरे सोमवार को देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत ने जयपुर के श्रीप्रतापेश्वर मंदिर में सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक किया. उन्होंने रूद्रीपाठ के उच्चारण के बीच विधि-विधान के साथ रूद्राभिषेक किया और प्रदेश में समृद्धि-खुशहाली और अच्छी वर्षा की कामना की. देवस्थान मंत्री रावत ने कहा कि विभाग के अधीन शिवालयों में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रूद्राभिषेक आयोजित किए जा रहे. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यह कार्यक्रम आयोजित होंगे.
श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यह कार्यक्रम आयोजित- शकुन्तला रावत
श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है, इसलिए विभाग की ओर से भक्तों के लिए शिवालयों में पूजा-अर्चना और विशेष श्रृंगार की व्यवस्था की गई है. सावन के दूसरे सोमवार पर शिववास नक्षत्र का योग बना जोकि रुद्राभिषेक के लिए बेहद शुभ फलदायी और महत्वपूर्ण माना गया है. ज्योतिष पंचांग के अनुसार, 17 जुलाई को सूर्योदस्य से लेकर रात्रि तक शिववास रहेगा. 17 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार पर हर्षण और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. जिसके कारण देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत ने जयपुर के श्रीप्रतापेश्वर मंदिर में सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक किया.
मंत्री शकुन्तला रावत ने श्रीप्रतापेश्वर मंदिर में सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक किया
उन्होंने कहा कि श्रावण मास एवं अधिक मास के सभी आयोजनों के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया. मंत्री रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘सेवा ही कर्म-सेवा ही धर्म‘ की मंशा के साथ आगे बढते हुए देवस्थान विभाग द्वारा प्रदेश में धार्मिक स्थलों के विकास कार्य किए जा रहे हैं. विभाग की नंदन कानन योजना को बताते हुए कहा कि योजना के जरिए विभाग के अधीन सभी मंदिरों में पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है.
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श्रावण मास में शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व- मंत्री शकुन्तला रावत
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिन मंदिरों में कच्ची मिट्टी भूमि एवं पानी की पर्याप्त है वहां तुलसी, अपराजिता, पीपल, बीलपत्र, सदाबहार, चमेली, आंवला जैसे पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं. इन पेड़-पौधों से भक्तों को मंदिर परिसर में ही पूजा करने हेतु पुष्प भी उपलब्ध हो पाएंगे. मंदिर प्रशासन द्वारा इनकी देखभाल की जाएगी. उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों का हमारे धार्मिक शास्त्रों की दृष्टि से बड़ा महत्व है एवं कई पेड़-पौधे हमारी धार्मिक आस्थाओं के प्रतीक हैं,