Jaipur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में निवेश बोर्ड की पहली बैठक में 1 लाख 67 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रोजेक्टों पर मुहर लगी. कोविड महामारी (Coronvirus) के कारण वैश्विक चुनौतियां होने के बावजूद, राजस्थान सरकार निवेशकों को राज्य में आकर्षित करने में सफल रही है. राजस्थान सरकार के निवेश हितैषी फैसलों से 40,000 से ज्यादा नए रोजगार की संभावनाएं बनेगी. 


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इन रोजगार के अवसरों में से, केवल अक्षय ऊर्जा क्षेत्र ही 90 फीसदी रोजगार प्रदान करेगा . जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर जैसे पश्चिमी जिलों में अडानी ग्रीन एनर्जी, रिन्यू पावर, ग्रीनको एनर्जी और जेएसडब्ल्यू सोलर निवेश कर रहे हैं. अक्षय ऊर्जा क्षेत्र कुल 1,65,540 करोड़ निवेश के साथ 37000 से ज्यादा को रोजगार के अवसर मिलेंगे.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्ष में आयोजित इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक (Investment board meeting) में उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा, ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री और मंत्री सीएमआर से जुड़े अन्य अधिकारी सीएमओ से वीसी से जुड़े. मुख्यमंत्री अशोक गहलेात ने कहा कि राज्य सरकार विकास नीतियों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य ग्रीन एनर्जी की तरफ़ बढ़ रहा है, इसलिए हम ने देश-विदेश के निवेषकों को ऊर्जा के क्षेत्र में आकर्षित करने के लिए लाभकारी संवर्धन नीतियां बनायीं है. 


राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, वन स्टॉप शॉप, सोलर एंड विंड एनर्जी नीतियां, राज्य में नए निवेशों को आकर्षित करने और उन्हें सुविधाजनक निवेश करने में कारगर साबित हुआ है. सीएम ने कहा कि  प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार (Rajasthan Government) ने पर्यटन नीति बनाई है. इस बार बजट में 500 करोड़ रूपए का आवंटन पर्यटन विकास कोष के लिए किया गया है. यह राशि प्रदेश की ट्यूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर ब्रांडिंग करने तथा पर्यटन की आधारभूत संरचना के विकास एवं निवेश पर खर्च की जाएगी. 


उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योग एवं निवेश से जुड़े विभाग पर्यटन विभाग के साथ मिलकर कार्य-योजना बनाएं एवं प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए कार्य करें.  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दिल्ली-मुंबई इंडस्टि्रयल कॉरिडोर तथा दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर से लगते हुए क्षेत्रों के विकास तथा गैस ग्रिड का काम तेजी से पूरा किया जाए.  बैठक में आयुक्त उद्योग एवं निवेश संवर्धन ब्यूरो अर्चना सिंह ने विभिन्न निवेश प्रस्तावों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया. 


ग्रीन एनर्जी के बड़े प्रोजेक्टों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सहसरा सेमिकंडक्टर्स, टेक्निकल टेक्सटाइल क्षेत्र में मेवाड़ पॉलीटेक्स, स्टोन माइनिंग में ASI इंडस्ट्रीज, मेडिकल और हेल्थ में हेमधा मेडिसॉर्सेस और फैब्रिक निर्माण क्षेत्रों में कंचन इंडिया ,  बाथवेयर मैन्युफैक्चरिंग और सेरामिक टाइल्स में कजारिया ग्रुप के प्रोजेक्ट्स, अर्थ मूविंग मशीन में जेसीबी, ग्लास मैन्युफैक्चरिंग में सेंट-गोबिन की परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को भी मंजूरी दी गई. 


इन कंपनियों से सामूहिक रूप से कुल निवेश रु 2800 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है और 5400 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. बीओआई का गठन राजस्थान उद्यम एकल खिड़की सामर्थ्यकारी और अनुज्ञापन अधिनियम 2020 के तहत किया गया है.


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