Rajasthan Politics : पुलवामा शहीद वीरांगनाओं को लेकर आज भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. विधानसभा में मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में अपना व्यक्तिगत स्पष्टीकरण दिया कि मैने कहीं भी सरकार के वक्तव्य के दौरान मंजू जाट के नाते जाने की बात नहीं कही. मैने केवल सुंदरी देवी गुर्जर के नाते जाने की बात कही थी. लेकिन केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इसे गलत तरह से प्रचारित किया गया. उनके इतना कहते ही सदन में हंगामा हो गया, कांग्रेस प्रदेशाध्याक्ष गोविंद डोटासरा व सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा की बातों ने आग में घी का काम किया. विपक्ष ने शोरगुल किया और सदन का बॉयकाट भी किया.


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पुलवामा शहीद की वीरांगनाओं को लेकर आज भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. विधानसभा की कार्रवाई के दौरान अचानक मंत्री शांति धारीवाल के व्यक्तिगत स्पष्टीकरण देने के दौरान हुआ. धारीवाल ने अपने व्यक्तिगत स्पष्टीकरण के दौरान कहा कि मैंने सरकार के व्यक्तव्य के दौरान कहीं भी यह नहीं कहा कि मंजू जाट नाते गई है. मैंने मंजू जाट को लेकर केवल इतना ही कहा था कि वीरांगना मंजू जाट अपने देवर के लिए नौकरी मांग रही है. मैंने वीरांगना सुंदरी देवी गुर्जर को लेकर कहा था कि वह अपने देवर के नाते गई हैं और उनके देवर विक्रम से उन्हें 2 बच्चे भी हुए हैं. सुंदरी ने खुद कहा था कि देवर विक्रम के नाते गए तीन साल हो गए हैं. मेरे पहले दो बच्चियां हैं और विक्रम से एक लड़का और एक लड़की है. मैनें मंजू जाट के नाते के बारे में कोई बात नहीं की. मेरे बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है अफवाह है भ्रम हैं. जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है. मेरा स्पष्टीकरण रिकॉर्ड में आ जाए.


इधर मंत्री शांति धारीवाल के इस स्पष्टीकरण पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि स्पष्टीकरण व आंदोलन के जवाब काे भी सुना. हम व्यक्तिगत जीवन पर चर्चा करने के लिए नहीं बैठे हैं यहां. राठौड़ ने कहा कि आप कितना ही स्पष्टीकरण दे दो. लेकिन आपने वीरांगनाओं का अपमान किया है. आप वही हो जिन्होंने प्रदेश में बलात्कार के मामले बढ़ने पर कहा था कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है. इस पर राठौड़ ने कहा कि मंत्री ने राजस्थान की वीरांगनाओं का अपमान किया है इसलिए स्पष्टीकरण से कुछ नहीं होगा. इस पर बीजेपी विधायक इकट्ठे होकर राठौड़ के पास आ गए. सदन में शोरगुल होने लगा. इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं. आप बता दो सुंदरी देवी नाते गई या नहीं. केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस मुद्दे को गलत तरह से प्रचारित किया जा रहा है.


इधर सदन में हंगामा होने लगा. पक्ष व विपक्ष के विधायक एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे. सभापति जेपी चंदेलिया कहते रह गए कि पंचायतीराज ग्रामीण विकास पर महत्वपूर्ण चर्चा है, लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुन रहा. इसी बीच पीसीसी अध्यक्ष व कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को लेकर कहा कि आप इसीलिए उपनेता से नेता नहीं बन पाए. क्योंकि आप ओछी राजनीति करते हैं. आप संसदीय परंपराओं का मिस यूज कर रहे हैं. इस दौरान भाजपा के सदस्य सदन से वाॅकआउट करके जाने लगे. लेकिन भाजपा विधायक मदन दिलावर अनुदान मांगों पर बोलने लगे तो डोटासरा ने सभापति की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह इनका वॉक आउट नहीं माना जाएगा. मदन दिलावर भी बाहर जाए. यह लोग केवल रिकॉर्ड में लाने के लिए वॉकआउट करते हैं. यह रिकॉर्ड नहीं किया जाए. इस पर भाजपा के सदस्य वापस अपनी सीटों पर आकर हंगामा करने लगे. राठौड़ साहब अपने आप को नेता साबित करवाने के लिए नौटंकी करते हैं.


सभापति जेपी चंदेलिया के बार बार कहने के बावजूद शोरगुल बंद नहीं हुआ तो अंत में स्पीकर सीपी जोशी के सदन में आए. उन्होंने सभी विधायकों को शांत कराया और कहा कि मंत्री को अधिकार है कि वह अपना स्पष्टीकरण दें और आपको भी अपनी बात कहने का अधिकार है. लेकिन आपका यह आचरण सही नहीं हैं. तब जाकर मामला शांत हुआ.


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