Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक बोर्ड की परीक्षाओं को निरस्त करने और निराश्रित बच्चों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने के अलावा कई अन्य मुद्दों को लेकर भी चर्चा में रही. खासतौर पर इस बैठक में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Dhariwal) और शिक्षा मंत्री व पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के बीच हुई हॉट टॉक ने सबको हैरान कर दिया.


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दोनों नेताओं के बीच तर्क वितर्क से शुरू हुई झड़प एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक जा पहुंची. मंत्री परिषद की बैठक और उसके बाद भी दोनों नेताओं के बीच तू-तू मैं-मैं जारी रही, नौबत यहां तक आ गयी कि मंत्री परिषद की बैठक खत्म होने के बाद भी कई वरिष्ठ नेताओं को दोनों के बीच बीच बचाव करना पड़ा.


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दरअसल फ्री वैक्सीन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस के अभियान पर गोविंद सिंह डोटासरा ने जब सभी जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने की बात कही तो शांति धारीवाल ने विरोध करते हुए कलेक्टर की बजाय सीधे राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने का प्रस्ताव रखा. डोटासरा ने अपनी बात जब समझाने की कोशिश की तो धारीवाल ने विरोध किया. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जुबानी हमले शुरू कर दिए और आखिरकार गर्मा-गर्म बहस झगड़े में बदल गई.


इसी तरह से कैबिनेट की बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जिला कलेक्टर अतर सिंह नेहरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. प्रताप सिंह ने कहा जिला कलेक्टर अब तक के जयपुर के सबसे निष्क्रिय कलेक्टर हैं. कोरोना के संकट के दौर में जयपुर जिला कलेक्टर अपने ऐसी रूम से बाहर नहीं निकले हैं. यहां तक कि वह मेरा फोन भी नहीं उठाते. लोगों को उनसे जो उम्मीदें थी उस पर भी खरे नहीं उतर पाए हैं.


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प्रताप सिंह खाचरियावास कि इस बात पर खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी सहमति जताई. अशोक चांदना ने कहा बूंदी कलेक्टर रहने के दौरान भी अतर सिंह की कार्यशैली ऐसी ही थी. कैबिनेट की बैठक में वैक्सीनेशन के वेस्टेज का मुद्दा भी छाया रहा. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से पक्ष रखते हुए कहा देश में सभी राज्यों में वैक्सीनेशन का एक निश्चित वेस्टेज हो रहा है, राजस्थान में जो खबरें चलाई जा रही है वह निराधार है.