Sheetala Mata: अप्रैल महीने की शुरुआत इस बार शीतला माता की पूजा से होगी. निरोगी रहने की कामना करते हुए शहरवासी शीतलाष्टमी (बास्योड़ा) का लोकपर्व कल मनाएंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिन घरों में यह पर्व मनाया जाएगा, वहां चूल्हे नहीं जलेंगे. इसके लिए आज बाजारों में मिट्टी के बर्तन और अन्य पूजन सामग्री खरीदी गई. आज रांधा पुआ के तहत घर-घर अलग-अलग पकवान बनाए जा रहे हैं. महिलाएं आज से ही पकवान बनाने की तैयारियों में जुटी हुई हैं. 


इसके चलते घर घर पकवानों की खुशबू महक रहे हैं. कल सुबह माता को शीतल व्यंजनों का भोग अर्पण कर ठंडा भोजन ग्रहण करेंगे. माता के भोग के लिए कांजी बड़ा, मूंगथाल, गुंजिया, पेठे, सकरपारे, पूड़ी, पापड़ी, हलुआ, राबड़ी, घाट आदि व्यंजन तैयार किया जा रहा है. 


अगले दिन यानि कल शीतला माता के मूंग, मोठ, चने, पुआ-पकौड़ी, दही, राबड़ी सहित अन्य ठंडे पकवानों का भोग लगाने के बाद सभी लोग परंपरा के अनुसार शीतल भोजन करेंगे. 



महिलाएं तड़के गीत गाते हुए शीतला माता के मंदिरों में भोग लगाएंगी और पत्थवारी पूजेंगी. मान्यता के अनुसार शीतला माता के पूजन और ठंडा भोजन करने से माता प्रसन्न होती हैं और शीतला जनित रोगों का प्रकोप कम होता हैं. 


वहीं, चाकसू स्थित शील की डूंगरी पर शीतला माता का मेला लगेगा. जयपुर एवं आस-पास के जिलों के हजारों श्रद्धालु मेले में आएंगे. लोग शीतला माता को भोग अर्पण करने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर परिवार सहित शील की डूंगरी पहुंचना शुरू हो गया है. 


चाकसू की शील डूंगरी पर स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. मेले में लाखों की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते है और माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाकर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना करते हैं. 


लोगों की मान्यता है कि माता के चरणामृत से बच्चों में होने वाले चेचक सहित कई रोग दूर हो जाते हैं. शीतला माता के मेले में साफ सफाई, बेरिकेटस, लाइट्स लगाने सहित अन्य काम पूरे कर लिए गए हैं. 


मेले की सुरक्षा व्यवस्था 300 से अधिक पुलिस के जवान संभालेंगे. असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. मेला परिसर में श्रद्धालुओं की सहायता के लिए तीन अलग- अलग जगहों पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तैनात रहेंगे. 


शीतला माता के मेले के दिन जयपुर कलक्टर की ओर से अवकाश भी घोषित किया गया हैं. गौरतलब हैं की शीतला माता मंदिर का पक्का निर्माण लगभग 111 साल पूर्व में जयपुर दरबार सवाई माधोसिंह ने बनवाया था. मंदिर जयपुर जिले के चाकसू कस्बा के पास शील की डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है. यहां शीतला अष्टमी के दिन भारी मेला लगता है. मेले के दिन ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाता है. वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार, आज भी यहां पर प्रजापत समाज के लोग ही पूजा करते हैं.  


यह भी पढ़ेंः Rajasthan Weather: प्रदेश में बदलते मौसम के मिजाज से लोग हैरान, इन जिलों के लिए जारी हुआ येलो अलर्ट


यह भी पढ़ेंः Rajasthan:1अप्रैल से शुरू होगी चना और सरसों की खरीद, आज ही करा ले किसान ये काम वरना साल भर की महनत पर फिर जाएगा पानी