Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में जेल में बंद अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया और आरोपी आरएएस अशोक सांखला की जमानत याचिकाओं को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दी है. जस्टिस नरेंद्र सिंह ने कहा कि आरोपी मामले में आरोप पत्र पेश होने के बाद जमानत याचिका पेश कर सकते हैं. 


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याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया कि प्रकरण में उसने न तो रिश्वत राशि की डिमांड की है और न ही उसे रिश्वत राशि के साथ पकड़ा गया था. इसके अलावा उसका पहले भी कलेक्टर पद से तबादला हो चुका था. प्रकरण में वह लंबे समय से जेल में बंद है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि आरोपी हाईवे निर्माण कंपनी से मासिक वसूली कर रहे थे. 


इसके अलावा प्रकरण में अनुसंधान लंबित है. यदि उन्हें जमानत दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इस पर अदालत ने याचिका खारिज करनी चाही. कोर्ट के रुख को देखते हुए दोनों आरोपियों ने चालान के बाद याचिका पेश करने की अनुमति मांगते हुए याचिका वापस ले ली. 


गौरतलब है कि परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी थी कि उसकी फर्म की ओर से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे का काम किया जा रहा है. इस काम को निर्बाध रूप से चलने देने की एवज में सरकारी अधिकारी मासिक रिश्वत ले रहे हैं. 


रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने गत 24 अप्रैल को सेटलमेंट ऑफिसर कम राजस्व अपीलीय प्राधिकारी आरएएस अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा को पांच लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था. वहीं, बाद में पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को कलेक्टर आवास से गिरफ्तार किया गया था. 


राज्य सरकार ने कार्रवाई से कुछ दिन पूर्व ही पहाड़िया का तबादला विभागीय जांच आयुक्त के पद पर किया था. वहीं, एसीबी कार्रवाई से तीन दिन पहले की पहाड़िया कलेक्टर पद से रिलीव हुए था.


Reporter- Mahesh Pareek 


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