Success Story SI Pintu Rana : सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है. अगर इच्छाशक्ति है तो कितनी भी बाधाएं क्यों न हों, सफलता आपको मिल ही जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी राजस्थान के पिंटू राणा की है. पिंटू के घर के आर्थिक हालात बेहद ख़राब थे, यहां तक की कई बार हालात यह हो गए कि खाने के लिए पैसे भी नहीं थे, लेकिन पिंटू राणा ने कभी हार नहीं मानी, इसी का नतीजा है कि वो आज राजस्थान पुलिस में अधिकारी बन सके. 


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दरअसल जालोर के सांचोर में जन्मे पिंटू राणा ने घर के खराब आर्थिक हालत के आगे कभी घुटने नहीं टेके, तीन भाइयों में सबसे बड़े होने के नाते पिंटू पर जिम्मेदारियां भी बड़ी थी. पिता पूनमाराम भील के पास कोई जमीन नहीं थी. वे दूसरों के खेत में बटाई का काम करते थे, सरकारी स्कूल से पढाई करने के बाद पिंटू ने सांचोर के ही एक प्राइवेट कॉलेज से स्नातक की. इस दौरान परिवार को आर्थिक सहारा देने के लिए पिंटू ने एक प्राइवेट कंपनी में रात के वक्त चौकीदारी भी की. 


इतने कठिन हालात के बाद भी कभी पिंटू ने पढाई नहीं छोड़ी, रात में भी चौकीदारी करते वक्त पढाई की. पढाई का खर्चा भी खुद उठाया, चौकीदारी के दौरान पिंटू को 15 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी मिलती थी, लेकिन पिंटू ने हालात के आगे कभी घुटने नहीं टेके. इसी जिद्द और जूनून के चलते पिंटू अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य को भेदने में कामयाब हो पाए. 


पिंटू राणा ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की, इसी दौरान उन्होंने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा दी. उसमें पिंटू राणा ने सफल अभ्यर्थियों की सूची में 33वी रैंक हासिल की. 14 माह की ट्रेनिंग के बाद 2 सितंबर 2022 को पासिंग आउट परेड में पिंटू राणा के कंधों पर जब स्टार लगाने का मौका आया. पिता पूनमाराम राणा और मां सुखीदेवी ने बेटे के कंधे पर बतौर एसआई दो सितारे लगाए तो वे भावुक हो गए.


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