Chintan Shivir of HM Amit Sah: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित दो दिवसीय राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर के दूसरे दिन राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने प्रदेश की ओर प्रजेंटेशन और अपनी मांग रखी. यादव ने पुलिस आधुनिकीकरण के लिए मिलने वाली राशि की नई गाईडलाईन में संशोधन की मांग रखी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में राजस्थान से गृह सचिव भानु प्रकाश अटरू और एडीजी (क्राइम) रवि प्रकाश मेरहडा ने हिस्सा लिया.


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गिरफ्तार तस्करों को राज्य पुलिस को सुपुर्द किया जाना चाहिए- राज्यमंत्री राजेंद्र यादव
बॉर्डर एरिया में मादक पदार्थों की तस्करी में गिरफ्तार तस्करों को राज्य पुलिस को सुपुर्द किया जाना चाहिए. प्रदेश की ओर से प्रजेंटेशन में राज्यमंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि राजस्थान का एक बड़ा भूभाग (1170 किलोमीटर) पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है. राजस्थान सीमा सुरक्षा की दृष्टि से और पूरे क्षेत्र में थार का रेगिस्तान फैला हुआ है, जहां भौतिक सुविधाओं की पहुंच काफी दुर्गम है.


बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार कर एनसीबी को सौंपा जाता
यादव ने राजस्थान के बॉर्डर एरिया में बढ़ रहे तस्करी के मामलों पर कहा कि बार्डर एरिया में मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार कर एनसीबी को सौंपा जाता हैं, जबकि गिरफ्तार तस्करों को राज्य पुलिस को सौंपा जाना चाहिए ताकि क्षेत्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तुरंत कार्रवाई की जा सके. यादव ने कहा कि सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंधन की आवश्यकता है.


कई बार पाकिस्तान से ड्रोन भारतीय सीमा में आ जाते
कई बार इन जिलों में पाकिस्तान से ड्रोन आदि भारतीय सीमा में आ जाते हैं या कई बार गोलीबारी की घटनाएं भी हो जाती हैं. अवैध रूप से लोग सीमा पार कर आ जाते हैं. तस्करी, जासूसी एवं अवैध गतिविधियों की इंटेलीजेंस के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं चूंकि सीमा सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय गृह एवं रक्षा मंत्रालय के अधीन है, ऐसे में यहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाना चाहिए.


सीमावर्ती क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए केंद्रीय सहायता बढ़ाई जाए
यादव ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत विकसित हो रहे मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की आवश्यकता है, ताकि सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो। साथ ही स्थानीय बलों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है. सीमावर्ती क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए केंद्रीय सहायता बढ़ाई जानी चाहिए.


रिफाइनरी ने बाड़मेर क्षेत्र का किया कायापलट
यादव ने राजस्थान सरकार की ओर से सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के किये जा रहे प्रयासों के बारे में कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, कृषि, उद्योग, खनन, पर्यटन सहित सभी क्षेत्रों में विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं. इससे इन क्षेत्रों में आबादी और खुशहाली दोनों बढ़ी है. राजस्थान रिफाइनरी का काम शुरू होने के बाद से बाड़मेर क्षेत्र का तेजी से कायापलट हुआ है. रिफाइनरी के पूरा होने और इसके साथ-साथ पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स बनने से यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. साथ ही जैसलमेर में तेल एवं गैस निकलने, सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होने से इस क्षेत्र में भी विकास को गति मिली है. यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है. इसी प्रकार श्रीगंगानगर में कृषि क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है.


भारतमाला प्रोजेक्ट से सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ी
यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बॉर्डर एरिया डवलपमेंट कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती जिलों में सभी मूलभूत सुविधाओं का विकास प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है. भारतमाला प्रोजेक्ट से सीमावर्ती क्षेत्रों में मजबूत सड़क तंत्र विकसित हो रहा है. इन जिलों के निवासियों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त होने का लाभ मिल रहा है. यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल के लिए हाल ही करीब 282 करोड़ की लागत से 1614 पेयजल कार्य स्वीकृत किए हैं. 


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जैसलमेर में इंदिरा गांधी नहर के माध्यम से करीब 90 हजार परिवारों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिला है. राजस्थान ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों का निमाण कर 27 क्षेत्रों में लोगों को आजीविका से जोड़ा जा रहा है. स्थानीय कलाकारों, हुनरमंद लोगों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अवसर उपलब्ध करवा रही है. गृह राज्य मंत्री यादव ने कहा कि हमारे देश की पुलिस ने सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों में प्रशंसनीय कार्य किया है लेकिन भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए पुलिस को और सशक्त आधुनिक बनाने की आवश्यकता है.