Jaipur News: राजस्थान में पिछले 18 दिन से चल रहीं मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल का असर सरकार के रेवन्यू पर पड रहा हैं. जयपुर सहित राजस्थान में 50 से ज्यादा डिपार्टमेंट में कामकाज पूरी तरह से ठप्प होने से किसान, रियल स्टेट के कारोबारी और आम लोग परेशान हैं. कर्मचारियों के काम न करने के कारण पिछले 15 दिन से राज्य में मकान-दुकान समेत दूसरी अचल सम्पत्तियों की रजिस्ट्री कम होने लगी है. अप्रैल में आखिरी एक पखवाडे़ की रिपोर्ट देंखे तो राज्य में रजिस्ट्रार ऑफिसों में रजिस्ट्री करवाने वालों की संख्या आधी रह गई है.


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इसके कारण सरकार को रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है. राज्य में करीब पिछले 25 दिन से मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर है. इन कर्मचरियों की हड़ताल के कारण रेवेन्यू डिपार्टमेंट में काम-काज ठप्प पड़ा है. हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव 21 अप्रैल से दिखने लगा है, जब पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री से होने वाली इनकम गिरकर आधी रह गई. 20 अप्रैल तक प्रदेश में हर रोज औसतन 21 करोड़ रुपए का रेवेन्यू सरकार को रजिस्ट्री के जरिए मिल रहा था लेकिन पिछले 14 दिन में ये रेवेन्यू घटकर 10 करोड़ रुपए से भी कम हो गया.


अप्रैल माह के आंकड़ों पर गौर करें तो हड़ताल से पहले 1 से 16 अप्रैल तक जहां रजिस्ट्रियों से विभाग को 304 करोड़ का राजस्व मिला लेकिन हडताल के बाद 17 से 30 अप्रैल तक 226 करोड़ का ही राजस्व रजिस्ट्रियों से हुआ और इस माह 1 से 3 मई तक 26 करोड़ का राजस्व मिला.


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गौरतलब है कि राजस्थान के अधिकांश रजिस्ट्रार ऑफिसों में कम्प्युटर पर काम करने वाले सूचना सहायक भी मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर थे. जिसके कारण भी रजिस्ट्री का काम प्रभावित हो गया था हालांकि ये कर्मचारी अब काम पर लौट आए है, लेकिन अब भी मंत्रालयिक कर्मचारियों के नहीं आने से काम का असर रहेगा. राजस्थान में इस साल सरकार ने रजिस्ट्री से 8500 करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू जुटाने का टारगेट है. पिछले वित्तवर्ष (2022-23) में सरकार को रजिस्ट्री के जरिए 8189.23 रुपए का रेवेन्यू मिला था.