छात्रसंघ चुनाव-2022: प्रदेश में 26 अगस्त को होने वाले छात्र संघ चुनाव में कल से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशी कल नामांकन करेंगे. 23 अगस्त को उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच प्रक्रिया होगी तो वहीं 23 अगस्त को ही नामांकन वापस लेने का रहेगा समय नाम वापसी ओर जांच के बाद नामांकनों की अंतिम सूची जारी की जाएगी. 


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23 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच
एनएसयूआई द्वारा अध्यक्ष पद पर टिकट की घोषणा के साथ ही विरोध के स्वर मुखर हो चुके हैं तो वहीं एबीवीपी में ये विरोध देखने को नहीं मिल रहा है. एनएसयूआई जहां पिछले 4 सालों की हार का सिलसिला तोड़ने चाहेगी तो वहीं एबीवीपी पिछली 5 हार का तिलिस्म तोड़ने की कोशिश में रहेगी. राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनावों में बीते चार चुनावों में बागी होकर चुनाव लड़कर अध्यक्ष बनने की परम्परा को तोड़ने के लिए दोनों ही संगठन हर तरीके से चुनावी समीकरण बना रहे है.


एनएसयूआई और एबीवीपी संगठनों की ओर से अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार मैदान में उतार दिया गया है. वहीं दोनों ही छात्र संगठनों की ओर से उपाध्यक्ष, महासचिव, और संयुक्त सचिव पद उम्मीदवार तय होना बाकी है इधर चुनावी कार्यक्रम में राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मतदाता सूची जारी कर दी है. छात्रसंघ चुनावों में करीब 21 हजार विद्यार्थी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.छात्रसंघ चुनावों में राजस्थान यूनिवर्सिटी सहित संघटक कॉलेजों में 20 हजार 770 मतदाता है जो चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.


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किस कॉलेज में कितने मतदाता देखें
सबसे अधिक महारानी कॉलेज में 4940 मतदाता है. वहीं महाराजा कॉलेज में 2128 मतादाता, राजस्थान कॉलेज में 3336 मतदाता,कॉमर्स कॉलेज में 3518 मतदाता,फाइव ईयर लॉ कॉलेज में 570 मतदाता लॉ कॉलेज में 521 मतदाता, लॉ कॉलेज इवनिंग में 586 मतदाता, पीजी डिपार्टमेंट और सेंटर्स में 4784 और सबसे कम मतदाता आर ए पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 387 है. शोध छात्र प्रतिनिधि चुनने के लिए 830 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे.


टिकट कटने से नाराज छात्रनेता भी बगावत पर उतरे
छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद पर रितु बराला और एबीवीपी ने नरेंद्र यादव को टिकट दिया है. अब अन्य पदों के उम्मीदवारों का तीन दिन से इंतजार किया जा रहा है. टिकट वितरण को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी के पदाधिकारी लगातार बैठक ले रहे है लेकिन नाम तय नहीं कर पा रहे. दोनों संगठनों द्वारा ओबीसी वर्ग के स्टूडेंट्स को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाने के बाद अब नीचे के लिए जातिगत समीकरण बना रहे है. वहीं टिकट कटने से नाराज छात्रनेता भी बगावत पर उतर रहे है ऐसे में संगठन उन्हें भी साथ लाने की कोशिश कर रहे है.


राजस्थान यूनिवर्सिटी में बीते चार चुनावों की अगर बात की जाए तो बागियों ने चुनावी समीकरण बिगाड़े हैं. ऐसे में अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की ओर से टिकट घोषणा के साथ ही बगावत के स्वर तेज होने लगे हैं. एनएसयूआई की ओर से निहारिका जोरवाल, महेश चौधरी,संजय चौधरी,राजेन्द्र गोरा ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. हालांकि एबीवीपी में ये विरोध के स्वर देखने को नहीं मिले हैं. जिसकी बड़ी वजह से प्रमुख दावेदारों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होना.


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एनएसयूआई अंदरुनी कलह से जूझ रही
एनएसयूआई जहां अपनी अंदरुनी कलह से जूझ रही है,तो वहीं एबीवीपी भी एनएसयूआई को घेरते हुए नजर आ रही है. एबीवीपी की ओर से एनएसयूआई पर मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया जा रहा है. ऐसे में अब जहां छात्र संघ चुनाव में महज 5 दिनों का समय बचा है, तो वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष पद के अलावा अन्य पदों पर दोनों संगठनों के सामने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारना बड़ी चुनौती रहेगी तो वहीं 22 अगस्त से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है.


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