सम्मेद शिखर झारखंड का विषय, लेकिन केंद्र हर संभव समाधान का प्रयास करेगी- सुधांशु त्रिवेदी
सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में राजस्थान सहित देश का सम्पूर्ण जैन समाज आंदोलन कर रहा है. इस बीच बीजेपी ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि सम्मेद शिखर झारखंड सरकार का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार संवैधानिक रूप से समाधान का हर संभव प्रयास कर रही है.
जयपुर: सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में राजस्थान सहित देश का सम्पूर्ण जैन समाज आंदोलन कर रहा है. इस बीच बीजेपी ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि सम्मेद शिखर झारखंड सरकार का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार संवैधानिक रूप से समाधान का हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं आंदोलन के समर्थन में जैन समाज के इतर संगठन भी उतर रहे हैं.
बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मीडिया के सवाल के जवाब में राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जैन समाज उच्च शिक्षित सबसे समृद्ध समाज है, जोकि टैक्स कंट्रीब्यूशन भी सबसे ज्यादा करता है. जैन समाज शांति प्रिय है. केंद्र सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ सरकार उस विषय को लेकर चल ही है. यह विषय झारखंड सरकार के अधीन है, लेकिन केंद्र सरकार अपने स्तर पर भी हर संभव संवैधानिक समाधान का प्रयास करके चल रही है.
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अनशन कर रहे एक मुनि ने प्राण त्यागे
इधर, विप्र महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील उदेईया ने कहा कि सरकार को इस मामले में जल्द निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा है कि गांधीजी के देश में क्या पटरी उखाड़ने, सड़क रोकने, आगज़नी, उपद्रव को ही सरकार आंदोलन मानती है. जैन समाज द्वारा पिछले कई दिनों से इस जगह को पर्यटन स्थल की जगह तीर्थ स्थल की शांतिपूर्ण मांग की जा रही है और अब एक संत द्वारा इस विषय पर प्राण त्याग दिए हैं. सरकार को गम्भीरता बरतते हुए शीघ्र ही सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल घोषित करना चाहिए. पर्यटन स्थल बनने से धार्मिक जगह की पवित्रता खत्म होती है.
झारखंड सरकार ने टूरिस्ट प्लेस घोषित किया
बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ स्थित जैन समाज का सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल है. झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया. जैन समाज पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध कर रहा है. जैन समाज का कहना है कि इससे जैन समाज के आस्था पर चोट है.
देशभर में जैन समाज कर रहा आंदोलन
गौरतलब है कि सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल ही रखने को लेकर देश का सम्पूर्ण जैन समाज आंदोलनरत है. राजस्थान के विभिन्न जिलों में जैन समाज ने शांतिपूर्ण जिलों में प्रदर्शन कर चुका है. वहीं जयपुर में मौन जुलूस के साथ प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जा चुका है. इधर आंदोलन को लेकर एक जैन संत ने अपनी देह त्याग दी, वहीं दूसरे संत ने भी अन्न त्याग कर दिया है. जयपुर में जैन मुनियों ने कहा कि जैन समाज अभी अहिंसक आंदोलन कर रहा है. अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन होगा और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.