Jaipur: मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के निलंबित कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह को हाईकोर्ट जयपुर पीठ से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने  शुक्रवार को उनकी याचिका खारिज कर दी.  हाईकोर्ट ने कहा कि,  निलंबित कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने और आपराधिक षड्यंत्र का अशोक नगर थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है. जस्टिस बिरेन्द्र कुमार ने यह आदेश आरोपी अमेरिका सिंह की आपराधिक याचिका को खारिज करते हुए दिया है. 


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अदालत ने अपने आदेश में कहा  है कि ऐसा कोई रिकॉर्ड  उपलब्ध नहीं है, जिससे यह साबित हो सके  कि यह एफआईआर राजनीतिक कारणों या विभागीय दुश्मनी के कारण दर्ज कराई है. क्योंकि एफआईआर दर्ज करने में किसी विभागीय व्यक्ति का हाथ नहीं है.


अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि गुरुकुल विश्वविद्यालय स्थापना का बिल पास हो जाता और विवि का अधिनियम अस्तित्व में आ जाता तो क्या होता, बाद में जनता कहती की जिस विवि के पास न तो बिल्डिंग है और ना ही भूमि है उस विवि को सरकार ने अनुमति दे दी।


बता दें कि. याचिका में कहा गया है कि कुलपति प्रोफेस के खिलाफ राजनीतिक द्वेषता के चलते शहर के अशोक नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. एफआईआर में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई साक्ष्य भी नहीं है.  ऐसे में एफआईआर को दर्ज किया जाए. जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट पेश की थी. जिसके चलते निजी विवि स्थापित करने को लेकर बिल विधानसभा में पेश हुआ. इसके अलावा प्रकरण में जांच जारी है इसलिए याचिका को खारिज किया जाए.


 गौरतलब है कि विधानसभा में गुरुकुल विवि की स्थापना के बिल पर बहस के दौरान यह तथ्य सामने आया था कि विवि के पास ना तो बिल्डिंग है और ना ही अन्य आधारभूत संसाधन है.  फिर भी मामले में अमेरिका सिंह पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट दी थी.  इसके बाद फर्जी रिपोर्ट देने पर राज्य सरकार ने अशोक नगर थाने में अमेरिका सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.


Reporter: Mahesh Pareek


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