इस सुल्तान के हरम में प्रेग्रेंट होने की नहीं थी इजाज़त, गर्भनिरोधक नहीं इस भयानक तरीके का इस्तेमाल
बात 16वीं शताब्दी की जब यूरोप में सुलेमान प्रथम (Suleiman I)सम्राट बन चुका था. वो तुर्क या ओटोमन साम्राज्य (Ottoman Empire)के शीर्ष पर काबिज हो चुका था. सुलेमान के हरम में कई औरतें थी. जिनमें किसी भी को बिना इजाज़त प्रेग्नेंट(Pregnancy) होने की इजाजत नहीं थी. ऐसे में औरतों को प्रेग्नेंट होने से रोकने(Contraceptives) के लिए एसिड(Acid) और काढ़े का इस्तेमाल किया जाता था...
Harem : सुलेमान 16वीं शताब्दी में यूरोप का प्रमुख सम्राट बन चुका था. वो तुर्क या ओटोमन साम्राज्य के शीर्ष पर पहुंच चुका था. सुलेमान की दो पत्नियां थी और हरम में उसकी सेवा के लिए कई औरतें रखी गयी होती थी.
सुलेमान की दूसरी पत्नी हुर्रेम सुल्तान (जिसे रोक्सेलाना के नाम से भी जाना जाता है) हरम से ही सुलेमान के करीब आई थी. लेकिन ये खुशनसीबी हरम की दूसरी औरतों को नहीं मिल सकी. हरम में संबंध बनाने से पहले और बाद में कई कठोर नियमों का पालन औरतों को लिए अनिवार्य था.
ऐसा करने के पीछे का मकसद था.सुलेमान के उत्तराधिकारियों की संख्या सीमित करना. इसलिए 16वीं शताब्दी में जब कंडोम या फिर गर्भनिरोधक गोलियां नहीं थी. हरम की औरतों को गर्भ रोकने के लिए एसिड तक का इस्तेमाल करना पड़ा.
हरम की औरतों को वजाइना की सफाई के लिए एसिड का इस्तेमाल करना होता था. औरतें नींबू, संतरा या फिर अनार के रस के साथ सफाई के लिए सिरके का भी इस्तेमाल करती थी. ये एसिड स्पर्म को मारने का काम करता था.
यहीं नहीं हरम की औरतों के गर्भ को रोकने के लिए जड़ी बूटियों का सहारा लिया जाता था. इस काढ़े में पुदीना, क्रोकस या हॉर्सटेल और वर्मवुड का इस्तेमाल होता था ताकि गर्भ ठहर भी गया हो तो भी गर्भपात हो जाएं. औरतों को हरम में सुल्तान से मिलने से पहले भी बहुत तैयारी करायी जाती थी. गर्भ से बचने के लिए जैतून और देवदार के तेल का इस्तेमाल किया जाता था. ये ही नहीं हरम से वापस आने के बाद औरतों को शहद, गोभी या अनार के रस से भीगे कपड़ें को वजाइना में रखती ताकि स्पर्म खत्म हो जाएं.
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