Surya Grahan 2023: धार्मिक मान्यता और ज्योतिषीय गणना  के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के बाद जहां पृथ्वी पर प्रभाव  पड़ता है वहीं चंद्रग्रहण जल और समुद्र पर असर डालता है. आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर ग्रहण पहले ही इशारा दे देते हैं. जीव जंतुओं में इस दौरान बैचेनी और हैरतअंगेज हरकतें देखने को मिलते है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भूकंप का खतरा उस क्षेत्र में ज्यादा होती है, जहां सूर्य ग्रहण का प्रभाव ज्यादा होता है या जहां- जहां ग्रहण का असर रहता है.


सूर्य ग्रहण के बाद से देश दुनिया में भूकंप से तबाही


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आमतौर पर भूकंप दिन और रात के खास समय में आता है. दिन के 12 बजे से पहले और आधी रात से सूर्योदय होने के बीच ज्यादा मामले देखे गए है. याद रहे कि टर्की में भूकंप का पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी.


सूर्यग्रहण और भूकंप का क्या है कनेक्शन? (Connection of Earthquake during Eclipse)


जब भी कोई सूर्यग्रहण आता है उसके 40 दिन पहले और 40 दिन बाद या ग्रहण के 80 दिन के अंदर में भूकंप कभी भी दस्तक दे सकता है.  कभी कभी तो ये सूर्यग्रहण के 15 दिन पूर्व या 15 दिन बाद भी भूकंप के झटके आ सकता है.


हर साल लगभग 20 हजार से ज्यादा भूकंप आते हैं


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भूकंप के उस क्षेत्र में आने की संभावना और भी बढ़ जाती है, जहां सूर्यग्रहण का प्रभाव अत्यधिक देखने को मिलता है और जहां धरती के नीचे विपरीत परिस्थितियां या हालात बन रही हो . जानकारी और आकड़ों पर नजर डाले तो दुनियाभर में हर साल लगभग 20 हजार से ज्यादा बार भूकंप आते हैं. इनमें से कुछ बेहद मामूली होते हैं जिन्हें  सिस्मोग्राफी के पकड़ में नहीं आते हैं. वहीं, कुछ इतने भयावह होते हैं कि तबाही मचा देते हैं.


ये भी पढ़ें- Surya Grahan 2023: आ रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण, इन लोगों को लगेगा तगड़ा झटका, रहें सतर्क


धरती की खास प्लेटों के पास ही भूकंप का केंद्र रहता है. सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण में ग्रह एक दूसरे पर अपनी छाया डालते हैं. यह छाया चाहे सूर्य चंद्रमा पर पड़े या फिर पृथ्वी पर दोनों पर इसका असर देखने को मिलता है. इसके अलावा जब किसी खास वजह से सूर्य की किरणें धरती पर नहीं पड़ती तब चंद्रमा और पृथ्वी दोनों पर असर पड़ता है. 


सूर्य ग्रहण के बाद से देश दुनिया में धरती से जुड़ी आपदाएं आती हैं और चंद्र ग्रहण के दौरान समुद्री आपदाएं यानि पानी से संबंधित आपदाएं बढ़ जाती हैं. इसके वजह से समुद्र के भीतर भी हलचल और सुनामी आते हैं.