Swarnakar Gaurav Yatra reached Jaipur: सुनार समाज कल्याण बोर्ड के गठन की मांग को लेकर राजस्थान के स्वर्णकार समाज ने रविवार को रैली निकाली और शहीद स्मारक पर धरना दिया. इससे पहले हनुमानगढ़ से 400 किलोमीटर चलकर स्वर्णकार गौरव पदयात्रा जयपुर पंहुची. इसके बाद समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. प्रदेश में सोने के जेवरात निर्माण का काम करने वाले प्रमुख स्वर्णकार समाज सरकार से सुनार समाज कल्याण बोर्ड गठन की मांग कर रहा है.


स्वर्णकार गौरव पदयात्रा


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इस मांग को लेकर प्रमोद सोनी ने स्वर्णकार समाज के अन्य लोगों के साथ 20 नवम्बर को स्वर्णकार गौरव पदयात्रा लेकर हनुमानगढ़ से रवाना हुए. करीब चार सौ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद पदयात्रा 10 दिसम्बर को जयपुर पहुंची. समाज के लोगों ने पदयात्रा का भव्य स्वागत किया. इसके बाद आज रविवार को पदयात्रा के साथ स्वर्णकार समाज के अन्य लोग भी जुड़ गए. स्वर्णकार सेवा सदन पाणीपेंच से पदयात्रा रवाना होकर रैली के रूप में शहीद स्मारक पहुंची. इसके बाद शहीद स्मारक पर सुनार समाज कल्याण बोर्ड क गठन की मांग के साथ अन्य महत्वपूर्ण मांगों को लेकर धरना दिया.


राजनीतिक दल वायदा करते हैं निभाते नहीं 


स्वर्णकार समाज के प्रदेश प्रवक्ता नितेश सोनी ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सरकारों ने समाज के उत्थान और कल्याण बोर्ड बनाने के लिए वायदा कर चुके हैं, लेकिन किसी ने पूरा नहीं किया. कांग्रेस सरकार ने अपने अपने जनघोषणा पत्र में इसके लिए वादा भी किया था. राजस्थान प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने बहुत लम्बा समय हो चुका है. चुनाव के समय जो समाज से वायदे हुये थे वे पूरे नहीं हुए. जिस प्रकार पार्टी में एवं राजनैतिक नियुक्तियों में अन्य समाजों को वरियता दी गई है और हमारे समाज की उपेक्षा की गई है, उससे हमारे समाज में घोर रोष है. अतः सबसे पहले सुनार समाज कल्याण बोर्ड बनाकर समाज के व्यक्ति को ही चैयरमैन बनाया जाए.


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समाज के संरक्षक मातादीन सोनी ने कहा कि सरकार द्वारा अन्य समाजों के कल्याण के लिए बोर्ड गठित किए हैं, लेकिन सुनार समाज के लिए अभी तक बोर्ड का गठन नहीं हुआ. अतः जल्द सुनार समाज कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए. इसके अलावा भी समाज की सुनवाई व न्याय मिलने की पुख्ता व्यवस्था, सरकारी नुमाईंदों द्वारा हो रहे उत्पीड़न बंद करवाने, समाज के लिए भूमि और सर्किल का आंवटन, सरकार में स्वर्णकार समाज के कार्यकर्ताओं को वरियता मिलने, बच्चो की शिक्षा का विशेष प्रावधान होने जैसी मांगें है.