Jaipur: प्रदेश में आम जनता की समस्याओं का निस्तारण मौके पर करवाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासन गांवों के संग और शहरों के संग अभियान का आगाज किया. इस अभियान के तहत 22 से ज्यादा सरकारी महकमे एक जगह एक शिविर में मौजूद रहते हैं. इस शिविर का मकसद बस इतना है की आम जनता को इधर-उधर चक्कर नहीं काटने पड़े और एक जगह पर जमीन, रेवन्यू, रास्ते से जुड़े मसलों का मौके पर निस्तारण किया सके.


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राजधानी जयपुर (Jaipur News) के चौमूं का उपखंड में तस्वीरें कुछ उल्टी नजर आने लगी है. सरकारी महकमों के अधिकारियों को शिविर में आना या तो अच्छा नहीं लग रहा या फिर वे जानबूझकर लापरवाही कर रहे हैं. ऐसे अधिकारी मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी प्लान को पलीता लगा रहे हैं. चौमूं उपखंड के गोविंदगढ़ जलदाय विभाग में तैनात कनिष्ठ अभियंता राजसिंह रेपसवाल भी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं. शनिवार को उपखण्ड के महारकलां गांव में आयोजित हुए प्रशासन गांव के संग अभियान में कनिष्ठ अभियंता राज सिंह रेपसवाल नहीं पहुंचे. इस वजह से जलदाय विभाग (PHED) से जुड़ी समस्याओं का निस्तारण भी शिविर में नहीं हो पाया.


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शिविर में कनिष्ठ अभियंता का उपस्थित नहीं होना एसडीएम राहुल जैन को नागवार गुजरा. एसडीएम राहुल जैन ने लगे हाथ ही कलेक्टर को पत्र लिखकर कनिष्ठ अभियंता के निलंबन की कार्रवाई के लिए अनुशंषा कर दी है. एसडीएम राहुल जैन ने कहा कि किसी भी सूरत में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा. अब देखने वाली बात यह है कि जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा इस तरह लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं.