Jaipur: राजस्थान प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती 2021 की जिला आवंटन सूची जारी कर दी गई है. शिक्षा निदेशालय की ओर से बीती देर रात जिला आवंटन सूची जारी की गई. नियुक्ति और पदस्थापन के लिए जल्द ही जिला परिषद को भेजने की तैयारी अब शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है, लेकिन इन सब के बीच अभी भी प्रदेश के सैंकड़ों ऐसे अभ्यर्थी हैं जो अपनी पीड़ा लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. इसके साथ ही सरकार और शिक्षा विभाग से दिव्यांग अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की सही जांच करने की मांग उठा रहे है. 


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गौरतलब है की रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद फरवरी में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया में कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने दिव्यांगता का सर्टिफिकेट लगाया है, जिसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से टीएसपी क्षेत्रों में दिव्यांगता के सर्टिफिकेट जांच के निर्देश दिए गए और सभी अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच मेडिकल कमेटी द्वारा की गई, तो वहीं अब नॉन टीएसपी क्षेत्रों में भी दिव्यांग अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच की मांग तेज होने लगी है, इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा दिव्यांगता की श्रेणी और गंभीरता को भी नजर अंदाज करने के आरोप दिव्यांग अभ्यर्थियों द्वारा लगाए जा रहे हैं. 


चयन सूची से बाहर हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि "रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा में शामिल हुए बहुत से अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती में आवेदन के समय दिव्यांगता सर्टिफिकेट लगाए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से टीएसपी क्षेत्रों में ही दिव्यांगता सर्टिफिकेट की जांच की गई है. ऐसे में नॉन टीएसपी क्षेत्रों में भी दिव्यांगता सर्टिफिकेट की जांच की जाए. अगर जांच होती है तो बड़ी संख्या में फर्जी सर्टिफिकेट का खुलासा होगा. 


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इसके साथ ही दिव्यांगता के आधार पर जो चयन सूची जा की गई है उसमें बहु दिव्यांगता में केन्द्र सरकार के आदेशों को दरकिनार करके 40 फीसदी तक की दिव्यांगता धारकों को चयन सूची में शामिल किया गया, इसके साथ ही कई अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के आवेदन के कुछ दिनों पहले ही दिव्यांगता का सर्टिफिकेट हासिल किया है, और इन सर्टिफिकेट टीम के तीन सदस्यों के हस्ताक्षर का प्रमाण पत्र आवश्यक होता है, लेकिन कई सर्टिफिकेट पर कहीं 1 तो कहीं 2 सदस्यों के ही हस्ताक्षर हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन सर्टिफिकेट तो अपलोड है लेकिन सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में इन सर्टिफिकेट की सॉफ्ट कॉपी अभी तक नहीं पहुंची है, जो कई बड़े सवाल खड़े करते हैं.