BSTC-BEd विवाद मामला, सुप्रीम कोर्ट ने बीएड धारियों को राहत देने से किया इनकार
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BSTC-BEd विवाद मामला, सुप्रीम कोर्ट ने बीएड धारियों को राहत देने से किया इनकार

BSTC-BEd Dispute: पिछले करीब दो सालों से चला आ रहा बीएसटीसी और बीएड अभ्यर्थियों का विवाद अभी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इस मामले पर अब 19 जुलाई तक और इंतजार करना पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने बीएड धारियों को राहत देने से किया इनकार

Jaipur: पिछले करीब दो सालों से चला आ रहा बीएसटीसी और बीएड अभ्यर्थियों का विवाद अभी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इस मामले पर अब 19 जुलाई तक और इंतजार करना पड़ेगा. इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई होनी थी, लेकिन केन्द्र सरकार की फ्रेश एसएलपी जो की 30 मार्च को दायर की गई थी उसको टैग करने के निर्देश देने के साथ ही अन्य याचिकाओं को भी टैग करने के आदेश दिए. साथ ही इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख भी 19 जुलाई निर्धारित की गई, लेकिन साथ ही एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट से बीएड अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली. आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के 25 नवम्बर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

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26 सितम्बर को 31 हजार पदों पर रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया, लेकिन परीक्षा से दो दिन पहले 24 सितम्बर 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले पर महत्वपूर्ण सुनवाई करते हुए रीट के परिणाम पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से नवम्बर में जारी परिणाम में लेवल 1 में बीएड अभ्यर्थियों के परिणाम को रोकते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों का ही परिणाम जारी किया गया. परिणाम जारी होने के बाद 25 नवम्बर 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएसटीसी अभ्यर्थियों को पक्ष में फैसले देते हुए लेवल 1 में बीएसटीसी अभ्यर्थियों को ही योग्य मानते हुए लेवल 1 से बीएड धारियों को बाहर करने के फैसला दिया. साथ ही 28 जून 2018 के एनसीटीई के नोटिफिकेशन को भी रद्द करने का फैसला सुनाया, जिसके बाद फरवरी में बीएड अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. 

1- 24 सितम्बर 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट के परिणाम पर लगाई रोक
2- 26 सितम्बर 2021 को रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का हुआ आयोजन
3- 2 नवम्बर 2021 को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की से हाईकोर्ट के फैसले की अनुपालना में लेवल 1 में बीएड अभ्यर्थियों का परिणाम रोकते हुए परिणाम जारी किया गया
4- साथ ही 25 नवम्बर 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट ने 28 जून 2018 के एनसीटीई के नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए लेवल 1 में बीएसटीसी अभ्यर्थियों को योग्य मानते हुए बीएड धारियों को लेवल 1 से बाहर करने का फैसला सुनाया
5- जिसके बाद 10 दिसम्बर 2021 को बीएड अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चैलेंज किया गया
6- सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर पहली सुनवाई 4 फरवरी को हुई, सुनवाई में बीएड अभ्यर्थियों द्वारा शिक्षक भर्ती के लिए हो रहे आवेदन पर रोक लगाने की मांग की साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर भी रोक लगाने की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया
7- निदेशालय की ओर से शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया में भी बीएड अभ्यर्थियों को आवेदन करने से वंचित रखा गया
8- इसके बाद 21 फरवरी 2022 को एनसीटीई की ओर से मामले में एसएलपी दायर की गई. एसएलपी में भी राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई,लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया
9- 30 मार्च 2022 को एमएचआरडी की ओर से फ्रेश एसएलपी दायर की गई
10- 28 अप्रैल को आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एमएचआडी की फ्रेश एसएलपी को टैग करने के साथ ही अन्य याचिकाओं को भी टैग करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई निर्धारित की
सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई में भी राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके चलते अब बीएड अभ्यर्थियों को फिलहाल किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है. गौरतलब है की 23 और 24 जुलाई को रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा 2022 का आयोजन होने जा रहा है और 10 मई तक रीट परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है. ऐसे में अब 10 मई तक होने वाले आवेदन में अब बीएड अभ्यर्थियों को आवेदन प्रक्रिया में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा.

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इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से जहां सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा और एडवोकेट विज्ञान शाह की ओर से पैरवी की गई तो वहीं बीएड अभ्यर्थियों की ओर से भारत सरकार के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल परमजीत सिंह और नरेश कौशिक की ओर से पैरवी की जा रही है, इसके साथ ही एमएचआरडी की ओर से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पैरवी की. 

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