Chomu: राजधानी जयपुर (Jaipur) की चौमू नगरपालिका (Chaumu Municipality) में हुए बोरिंग के टेंडर घोटाले (Tender scam) के मामले को लेकर सत्ता पक्ष के पार्षद भी खुलकर नगरपालिका के विरोध में आ गए हैं. सत्ता पक्ष के पार्षद प्रतिनिधि शलेन्द्र चौधरी (Shailendra Choudhary) ने नगर पालिका के दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को लिखित में शिकायत की है. साथ ही पूरे मामले की जांच करवाने के लिए पत्र लिखा है. 


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इतना ही नहीं विपक्ष के पार्षद बाबूलाल यादव (Babulal Yadav) ने भी एसीबी में नगर पालिका चेयरमैन विष्णु सैनी और वर्षा चौधरी के खिलाफ परिवाद दायर किया है. अब इस पूरे मामले को लेकर ACB जांच करेगी. जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी होगा. गौरतलब है कि नगर पालिका ने बोरिंग करवाने के लिए डेढ़ करोड रुपये की निविदा निकाली थी. जिसमें नगर पालिका प्रशासन ने अपनी चहेती फर्म यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी (Yadav Construction Company) को फायदा देकर 15 कार्यों का टेंडर दे दिया. 


इधर इस निविदा में करीब आधा दर्जन ठेकेदारों (contractors) ने आवेदन किया था, लेकिन जब निविदा खोली गई तो ठेकेदारों के होश उड़ गए. यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित तीन फर्मों के अलावा बाकी फर्मों की निविदा के साथ डीडी नहीं होने का हवाला देकर निरस्त कर दी गई. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि जब निविदा खोली गई तो वीडियोग्राफी नहीं कराई गई. इतना ही नहीं 24 अगस्त के दिन नगर पालिका में लगे सीसीटीवी कैमरे भी बंद किए गए थे.


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इसको लेकर अन्य फर्मों के ठेकेदारों ने डीएलबी निदेशक दीपक नंदी (Deepak Nandi) को भी शिकायत की थी. इसके बाद अधिशासी अधिकारी ने आनन-फानन में टेंडर को निरस्त कर दिया. इसके साथ ही 3 कर्मचारियों को 17 सीसी का नोटिस भी थमा दिया गया, लेकिन सवाल यह उठता है यदि यह मामला नहीं खुलता तो कितना बड़ा घोटाला हो सकता था.


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अब उम्मीद है  ACB इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. बीजेपी के पार्षद बाबूलाल यादव ने कहा कि एसीबी में परिवाद दायर किया गया है. नगर पालिका में खुला भ्रष्टाचार हो रहा है. इस तरह का टेंडर पहले भी निकाला गया था और पहले भी रद्द कर दिया गया और अब फिर से यह रद्द हो गया है.