Jaipur: 31 जिलों में भयानक भूजल संकट, कब मिलेगी लोगों को इससे राहत ?
राज्य का भूजल विभाग सिर्फ केंद्र सरकार की अटल भूजल योजना पर निर्भर है और प्रदेश के 16 प्रतिशत ब्लॉक ही भूजल की दृष्टि से सुरक्षित है.
Jaipur: राजस्थान का भूजल स्तर लगातर गिरता जा रहा है, जिस कारण चिंता की लकीरें मरुभूमि में बढ़ती जा रही है. राजस्थान का 70 फीसदी हिस्सा डार्क जोन में चला गया है. ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की भूजल अटल योजना पर फोकस कर रही है, लेकिन घटते भूजल स्तर के कारण भी राजस्थान में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है.
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राज्य का भूजल विभाग सिर्फ केंद्र सरकार की अटल भूजल योजना पर निर्भर है. प्रदेश के 16 प्रतिशत ब्लॉक ही भूजल की दृष्टि से सुरक्षित है. बीस साल पहले हमारे यहां जितना भूजल रिचार्ज होता था, उससे कम उपभोग होता था पर अब रिचार्ज की तुलना में डेढ़ गुना दोहन हो रहा है. ऐसी स्थिति में राज्य में बदलाव के लिए 17 जिलों की 1144 ग्राम पंचायतों में अटल भूजल योजना के तहत जल स्तर में सुधार के लिए गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन केवल 17 जिलों में भी भूजल स्तर सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं.
केंद्र सरकार की इस योजना के अलावा कोई प्रयास राज्य की तरफ से नहीं किए जा रहे है, जबकि भूजल का स्ट्रक्चर तो 31 जिलों में खराब हो गया है. चीफ इंजीनियर सूरजनभान सिंह का कहना है कि केंद्र की इस योजना के माध्यम से कोशिश की जा रही है कि भूजल स्तर में सुधार हो.
295 में से 203 ब्लॉक अतिदोहित
प्रदेश की 295 में से 203 ब्लॉक में भूजल का अतिदोहन हो रहा है. अतिदोहन का मतलब ये होता है जिन इलाकों में जमीन के नीचे से पानी तो अधिक ले रहे है, लेकिन जमीन में पानी कम रिचार्ज हो रहा है. 2013 में डार्क जोन की संख्या 164 थी, जो 2017 में बढ़कर 185 हो गई और अब ये आकंडा 203 तक पहुंच गया है. अब राजस्थान में सिर्फ 37 ब्लॉक ही सुरक्षित बचे हैं. पिछले तीन दशकों में भूजल में मरूधरा की तस्वीर ही बदल गई. भूजल का दोहन 3 दशकों में 35 से बढ़कर 115 प्रतिशत तक पहुंच गया है. ऐसे में सवाल यही है कि आखिरकार कैसे भूजल स्तर में सुधार होगा और कैसे इस संकट की स्थिति में निपट पाएंगे.
Reporter: Ashish Chauhan