Miracles Of Brahmamuhurt : आपने अक्सर बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिए. क्या कभी सोचा की ऐसा क्यों कहा जाता है और आज भी घर के बुजुर्ग ब्रह्ममुहूर्त में उठकर क्यों बैठ जाते हैं. दरअसल हमारे शास्त्रों में इसका रहस्य छिपा है जो हमारे बुजुर्ग जानते हैं. ब्रह्ममुहूर्त वो समय होता है जब आप ईश्वर का ध्यान कर हर इच्छा की पूर्ति कर सकते हैं.


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ब्रह्ममुहूर्त का समय
सूरज के उगने से 1 घंटे 36 मिनट पहले का वक्त ब्रह्ममुहूर्त होता है. इसे ब्रह्म देव का समय माना गया है. जो 48 मिनट का होता है. ब्रह्म देव ने ही सृष्टि की रचना की ये समय उन्ही का होता है. ब्रह्म मुहूर्त हर देश में हर दिन अलग होता है, जो सूरज के निगलने के वक्त पर निर्भर करता है. लेकिन ये 48 मिनट का वक्त आपकी हर उलझन को दूर कर देता है.


ब्रह्ममुहूर्त का ये 48 मिनट का समय वो समय है जब आप अपनी किस्मत को बदल सकते हैं. इस वक्त ध्यान करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस समय में कौन, क्या, कब जैसे सारे सवाल खत्म हो जाते हैं. इस वक्त आप खुद के साथ होते हैं और बस ये ही वक्त होता है, जब आप आत्मा स्वरूप हो सकते हैं, जो सीधे परमात्मा से मिल जाती है.


सहज समाधी यानि की ध्यान करें
सुबह के ध्यान के बाद  visualization यानि की दृश्यावलोकन करना होता है जिसमें आपको सिर्फ उन बातों के बारें में सोचना है, जो आप अपनी जिंदगी से चाहते हैं वो सब सुविधाएं और वो सारी खुशियां जो आप पाना चाहते हैं. सुबह का ये मुहूर्त वो समय होता है, जब आपका सब कॉशस मांइड एक्टिव होता है. 


कुछ अच्छा पढ़ें
ये समय कुछ पढ़ने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. स्टूडेंड्स को इसी वक्त पढ़ाई की सलाह दी जाती है. क्योंकि इस वक्त ध्यान अच्छा लगता है और याद की हुई चीजें हमेशा के लिए दिमाग में बस जाती है. जरुरत है तो बस थोड़ी सी प्रैक्टिस की.


चमत्कारिक मंत्र
।।करागे वसति लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। कर मूले स्थितो ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्॥
ब्रह्ममुहूर्त में उठने पर इस मंत्र का जब करना चाहिए ऐसा करते समय अपने दोनों हाथों को जोड़ कर देखना चाहिए. इस मंत्र को पढ़ने से आपके दिन की शुरुआत सकारात्म ऊर्जा के साथ होगी और आप खुद में खुशी का अनुभव करने लगेंगे. 


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