Jaipur: प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा के मामले पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में सोचने वाली और विवश करने वाली बात राजस्थान की कानून व्यवस्था है. शांतिपूर्ण प्रदेश जो हर लिहाज से लोगों को आकर्षित करता है, लेकिन अब राजस्थान को गृहण लगा है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को नजर लगी है और 8 लाख मुकदमे अपने आपमें इसकी बानगी कहते हैं.


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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने उसको पुख्ता करते हुए जिस तरीके से महिला अपराधों का आंकड़ा बताया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. सालभर में 6337 रेप के मामले, जिसका अनुपात प्रतिदिन 17 रेप के मामले, लेकिन इससे ज्यादा दुभाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री का वह शर्मनाक बयान, जिसमें उन्होंने कहा है कि 56 प्रतिशत मामले झूठे हैं. आंकड़ों पर मत जाइए. लेकिन क्या उस घटना को झुठलाएंगे कि एम्बुलेंस के बाहर भूख से बिलखती महिला रोटी मांगती है और उसकी अस्मत लूट ली जाती है. थाने में बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराने जाने वाली पीड़िता के साथ फिर से थाने में बलात्कार होता है, क्या इसको झुठला देंगे. मुझे लगता है कि हकीकत पर जाएंगे तो यह राजस्थान के लिए दुभाग्यापूर्ण है कि मुख्यमंत्री का आज का बयान उस पर विपक्ष को आरोपित करना और ज्यादा हास्यास्पद है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर अन्तरद्वंव्द और अन्तरकलह और स्वयं की कुर्सी जाने की असुरक्षा ने उनको विचलित कर दिया.
इसलिए बेहतर होता कि भरोसा देते कानून व्यवस्था को बहाल करने का, इस बात का भरोसा देते कि मैं कानून व्यवस्था को ठीक करूंगा, लेकिन विपक्ष को आरोपित करना, ये तो मुझे लगता है और भी ज्यादा गंभीर है. उनको महिला अपराधों पर, महिलाओं की सुरक्षा ना कर पाने पर एक भी दिन कुर्सी पर रहने का अधिकार नहीं है, राजस्थान की शुचिता के लिए, राजनीति के लिए यह उचित होगा कि वो अपने पद से त्यागपत्र दे दें कि महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम रहे.


Reporter- Shashi Sharma


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