Jaipur: शादी कि दावत में निमंत्रण ना मिलने पर जो पीड़ा रिश्तेदारों का होती है, ऐसा ही पीड़ा सत्ताधारी दल के नेताओं को सरकारी समारोह में नहीं बुलाने पर हो रही है. सरकारी समारोह में विपक्ष को नहीं बुलाने के आरोप तो आपने कई बार सुने होंगे, लेकिन अब यह पीड़ा विपक्ष के नेताओं की ही नहीं है, बल्कि सत्ताधारी दल के नेताओं की भी हैं, जिनको सरकारी स्तर पर होने वाले उद्घाटन, शिलान्यास, लोकार्पण समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अक्सर सरकारी स्तर पर होने वाले समारोह में दावे तो यही किए जाते हैं कि सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन पिछले तीन साल का रिकॉर्ड देखें तो 40 से ज्यादा जनप्रतिनिधि ऐसे हैं, जिन्हें ऐसे कार्यक्रमों में आने को न्यौता ही नहीं मिला. जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत प्रशासनिक सुधार विभाग को भेजी है, जिसमें कुछ सांसद तो ऐसे हैं, जिन्होंने तीन साल में 1 बार नहीं चार से पांच बार शिकायतें की हैं.


यह भी पढ़ेंः Udaipur Murder Case: तालिबानी हॉरर वीडियो देखने का था क्रेज, आईएसआईएस था आइडल


सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं परिपत्र


सरकारी समारोहों में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं करने की शिकायतें प्राप्त होने पर पूर्व मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता की ओर से 17 फरवरी 2020 को एक परिपत्र जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि बार बार निर्देशों के बाद भी जनप्रतिनिधियों की ओर से मिलने वाली शिकायतों से स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की ओर से राज्य सरकार के आदेशों की पालना में लापरवाही बरती जा रही है, जो कि अत्यंत गंभीर विषय है. चेतावनी भी दी गई कि आदेशों की पालना नहीं करने पर राजस्थान सिविल सेवाएं आचरण नियम 1971 के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.


विधानसभा में भी उठा मामला


हाल ही में विधाानसभा सत्र के दौरान भी ध्यानाकर्षण के जरिए यह मामला उठाया गया, जिसके बाद मुख्य सचिव उषा शर्मा ने 12 मई 2022 को परिपत्र जारी कर निर्देश दिए कि सरकारी समारोहों में जनप्रतिनिधियों को आवश्यक रुप से आमंत्रित किया जाए, साथ ही किसी भी शिला पट्टिका पर अधिकारी का नाम नहीं हो. इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही सामने आती हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर तत्काल जवाब भिजवाने के भी निर्देश दिए.


3 साल में जनप्रतिनिधियों 45 शिकायतें


1.वासुदेव देवनानी, 8.04.2019, अजमेर उत्तर, 


2.रामनारायण मीना, 29.08.2019, पीपल्दा कोटा


3.प्रताप लाल गमेती, 19.08.2019, गोगुन्दा उदयपुर


4.राजकुमार रोत, 06.09.2019, चौरासी डूंगरपुर


5.संजय कुमार शर्मा, 13.09.2019, अलवर शहर


6.कालूलाल मेघवाल, 01.10.2019 डग, झालावाड़


7.रामनारायण मीना 08.01.2020 पीपल्दा कोटा


8.अशोक लाहोटी 17.02.2020 सांगानेर जयपुर


9.कल्पना देवी 17.02.2020 लाडपुरा कोटा


10.आलोक बेनीवाल 01.12.2019 शाहपुरा जयपुर


11.इंदिरा देवी 10.02.2020 मेडता नागौर


12.बिहारीलाल विश्नोई 27.02.2020 नोखा बीकानेर


13.राजकुमार रोत 27.02.2020 चौरासी डूंगरपुर


14.संयम लोढ़ा 26.02.2020 सिरोही


15.अर्जुनलाल जीनगर 13.03.2020 कपासन चित्तौडगढ़


16.कैलाश चन्द्र मेघवाल 07.03.2020 शाहपुरा-बनेडा भीलवाड़ा


17.देवजी पटेल 14.06.2020 जालौर-सिरोही


18.गोविन्द प्रसाद 10.06.2020 मनोहरथाना झालावाड़


19.गुलाब चंद कटारिया 13.06.2020 उदयपुर


20.गोविन्द प्रसाद 21.06.2020 मनोहर थाना झालावाड़


21.भरतसिंह कुंदनपुर 27.06.2020 सांगोद कोटा


22.राजेन्द्र राठौड़ 13.10.2020 चूरू


23.संतोष बावरी 20.10.2020 अनूपगढ़


24.जाहिदा खान 21.11.2020 कामां भरतपुर


25.देवजी पटेल 24.08.2020 जालौर-सिरोही


26.अर्जुन लाल जीनगर 04.03.2021 कपासन चित्तौडगढ़


27.सूर्यकांता व्यास 17.08.2021 सूरसागर क्षेत्र जोधपुर


28.सुखवीर सिंह जौनापुरिया 21.08.2021 टोंक-सवाईमाधोपुर


29.देवजी पटेल 07.06.2021 जालौर-सिरोही


30.रूपाराम मुरावतिया 12.02.2021 मकराना नागौर


31.फूलसिंह मीणा 17.03.2021 उदयपुर ग्रामीण


32.धर्मनारायण जोशी 09.06.2021 मावली उदयपुर


33.देवजी पटेल 12.04.2021 जालौर-सिरोही


34.अमृत लाल मीणा 26.08.2021 सलुम्बर उदयपुर


35.देवजी पटेल 22.06.2021 जालौर-सिरोही


36.देवजी पटेल 22.03.2021 जालौर-सिरोही


37.देवजी पटेल 22.03.2021 जालौर-सिरोही


38.सुभाष पूनिया 20.04.2021 सूरजगढ़ झुंझुनूं


39.नरेन्द्र कुमार 11.08.2021 झुंझुनूं


40.संयम लोढ़ा 29.09.2021 सिरोही


41.नरेन्द्र कुमार 11.12.2021 झुंझुनूं


42.दीया कुमार 30.08.2021 राजसमंद


43.गोपाल लाल शर्मा 14.09.2021 माण्डलगढ़ भीलवाड़ा


44.धर्मनारायण जोशी 30.11.2021 मावली उदयपुर


45.फूलसिंह मीणा 15.01.2021 उदयपुर ग्रामीण


 

अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें