Jaipur: अदालतों में लगातार बढ़ रहे मामलों की पैंडेंसी खत्म करने में सबसे कारगर साबित हो रही हैं लोक अदालत (lok Adalat). लगातार बढ़ रहे मामलों के बोझ व आमजन को सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से लोक अदालत का महत्व काफी बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में आज तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. 


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राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जस्टिस सबीना (Sabina) द्वारा किया गया. हाईकोर्ट से लेकर अधीनस्थ अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है. लोक अदालत में आपसी समझाइश से ऑफलाइन (offline) के साथ ऑनलाइन (Online) मामलों का निस्तारण किया जा रहा है. 


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साल की तीसरी लोक अदालत में इस साल 2 लाख 97 हजार 183 मामलों को सूचीबद्ध किया गया है. जिसमें प्री लिटिगेशन (Pre Litigation) के 88,411 और लंबित प्रकरण के 2,08772 मामलें शामिल है. हाईकोर्ट जोधपुर पीठ (High Court Jodhpur Bench) में 6 बेंच और जयपुर पीठ में 5 बेंच में लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है.


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राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (State Legal Services Authority) के सदस्य सचिव ब्रजेन्द्र जैन (Brajendra Jain) ने बताया कि पिछले साल पिछली लोक अदालत में करीब 76 हजार से ज्यादा मामलों को निपटाया गया था. इसके साथ ही कोरोना (Covid) के समय में अब लोग कानूनी पचड़े में कम फंसकर सुकुन से जीवन जीना चाहते हैं. इसी के तहत इस साल करीब 3 लाख मामले सूचीबद्ध किए गए हैं. इसके साथ ही मामलों के निस्तारण के लिए कुल 744 बैंचों का गठन किया गया है.