Rajasthan News: लंबी जद्दोजहद के बाद मुनेश गुर्जर को नगर निगम हैरिटेज मेयर और वार्ड संख्या 43 पार्षद पद से निलंबित कर दिया गया. डीएलबी डायरेक्टर के नोटिस का जबाव देने के तुरंत बाद राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर के निलंबन आदेश ऑफिस बंद होने से पहले जारी कर दिए.


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मुनेश गुर्जर को प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार (रिश्वत मामला) में लिप्त होने का दोषी माना है. यह पद का दुरुपयोग है. प्रकरण को न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को भेजा गया है.



राज्य सरकार ने लम्बी जदृोजहद के बाद हैरिटेज नगर निगम जयपुर महापौर मुनेश गुर्जर (बतौर वार्ड नं. 43 पार्षद सदस्य भी) को निलंबित कर दिया. गुर्जर को प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार (रिश्वत मामला) में लिप्त होने का दोषी माना है. स्वायत्त शासन मंत्री के स्वीकृति के बाद स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने निलंबित करने के आदेश जारी किए. इससे राजनैतिक गलियारों में हलचल मच गई. इसे भाजपा सरकार द्वारा शहरी सरकार में बड़े बदलाव की तरफ बढ़ाए गए पहले कदम की तरह देखा जा रहा है.



निगम में अभी कांग्रेस का बोर्ड है. 13 माह के कार्यकाल में गुर्जर तीसरी बार निलंबित की गई है. इस बीच विभाग ने कार्यवाहक महापौर के लिए फाइल मंत्री झाबर सिंह खर्रा के पास भेज दी है. उधर कांग्रेस पार्षदों का एक धड़ा फिर से भाजपा के संपर्क में आ गया.



सूत्रों के मुताबिक ऐसे 10 पार्षद भाजपा को समर्थन दे सकते हैं. ऐसा हुआ तो कांग्रेस बोर्ड को हटाकर भाजपा बोर्ड बन सकता है. गौरतलब है कि मुनेश गुर्जर ने एसीबी की चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. अगली सुनवाई नवम्बर में है.



दरअसल तीसरा मौका है, जब मुनेश गुर्जर को निलंबित किया गया है. इससे पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 5 अगस्त 2023 और फिर 26 सितंबर, 2023 को निलंबित किया था. हालांकि दोनों बार गुर्जर ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से उनको राहत मिली और वापिस महापौर की कुर्सी पर बैठी. मुनेश गुर्जर के निलंबन को लेकर मंत्री झाबर सिहं खर्रा तीन बार बयान दिए, लेकिन दो बार तो उसका असर ही देखने को नहीं मिला. 10 सितम्बर को तो उन्होंने चौबीस घंटे में खुशखबरी मिलने का बयान दे दिया था, लेकिन हुआ कुछ नहीं. 22 सितम्बर को सूरजगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में बोले थे की- 'मुनेश की खबर कल मिल जाएगी' और निलंबन हो गया.




यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मामले को लेकर कहा कि कार्यवाहक महापौर बुधवार से काम शुरू कर देगी. समर्थन कोई भी दे, कार्यवाही महापौर भाजपा की ही होगी. पहले की जांच में जानबूझकर कमियां छोड़ी गई. जिसका फायदा मिला और फिर महापौर की कुर्सी पर मुनेश गुर्जर बैठीं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि जांच में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है. उन्होंने कहा कि मुनेश डाल- डाल रही तो हम भी पात-पात रहे.  मुनेश गुर्जर ने पैतरे चलने का प्रयास किया, लेकिन दाल नहीं गली. ऐसा फुलप्रूफ काम किया है कि अब वो हाईकोर्ट जाए  या सुप्रीम कोर्ट उन्हें राहत नहीं मिलेगी।/