Jaipur: जयपुर में महापड़ाव को लेकर सरपंचों में आपस में जमकर बवाल मच गया. पहले सरपंच संघ ने महापड़ाव को स्थगित करने की घोषणा की. इसके बाद जब अपने ही सरपंचों ने प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया तो ये निर्णय कुछ देर बाद वापस ले लिया और सभी सरपंचों के साथ धरने पर बैठ गए.


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मंत्री रमेश मीणा के इस्तीफे की मांग को लेकर जयपुर में शुरू हुआ सरपंचों का महापड़ाव अपनों से ही घिर गया. सरपंच संघ अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने महापड़ाव को जैसे ही स्थगित किया, उसके बाद सरपंच संघ के जुड़े सरपंचों ने इस फैसले को नकार दिया. सरपंचों ने आरोप लगाए कि हमारी बिना अनुमति के अध्यक्ष ने फैसला कैसे ले लिया. इसके बाद सरपंच संघ में विरोध के सुर उठेने से अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल अपनों से घिर गए यानि मंत्री का विरोधी गुट खुद ही दो गुटों में बंट गया.


महापड़ाव स्थगित, लेकिन आंदोलन रहेगा जारी
सरपंचों के विरोध के बाद सिविल लाइन्स कूच करने का निर्णय लिया गया. लेकिन पुलिस के भारी जाप्ते के चलते सरपंच आगे नहीं बढ़ सके. इस दौरान पुलिस और सरपंचों के बीच जमकर कहासुनी भी हुई और जमकर झड़प हुई. पुलिस ने बढ़ते विवाद को देखते हुए और जाप्ते को बुलाया. मानसरोवर में पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोक दिया. जिसके बाद सरपंच सड़क पर ही बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर लिखित आदेशों का इतंजार कर रहे है.


इन मांगों पर बनी सहमति, आदेश का इतंजार-
एनजीओ की जांच के रोक के आदेश पर रोक लगेगी. साथ ही जिन पंचायतों में जांच चल रही है उनको सामग्री खरीदने के लिए दूसरी फर्म का विकल्प होगा. उसके अलावा नरेगा का पैसा रिलीज, पंचायतों की एसएफसी का बकाया पैसा रिलीज होगा. इन बातों पर सहमति बन चुकी हैं. आदेश आने के बाद सरपंच संघ तय करेगा कि आगे की रणनीति क्या रहेगी. क्या सरपंचों का महापड़ाव जारी रहेगा या खत्म होगा. हालांकि सरपंचों ने ये तो साफ कर दिया है कि आंदोलन बाकी मांगों को लेकर जारी रहेगा.


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