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पूर्व सांसद और मेवाड़ पूर्व राज परिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ का सोमवार को राजतिलक किया गया. इस बीच मेवाड़ राज परिवार का पूरा विवाद सड़क पर पहुंच गया. उदयपुर के सिटी पैलेस में धूनी दर्शन को लेकर शुरू हुआ विवाद पथराव में बदल गया.अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया. जिसमें दो लोग घायल भी हो गए.
नाथद्वारा से विधायक और मेवाड पूर्व राज परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ का चित्तौड़ के फतेह प्रकाश महल में विधि-विधान के साथ सोमवार को राजतिलक किया गया. राजतिलक के बाद वह अपने लवाजमे में के साथ उदयपुर पहुंचे. जहा उनका सिटी पैलेस में धूनी दर्शन करने का कार्यक्रम था और इसके बाद मेवाड़ के आराध्य देव एकलिंग जी के दर्शन करने जाना था. लेकिन इससे पहले ही सिटी पैलेस के सभी दरवाजे बंद करवा दिए गए.
वे उदयपुर पहुंचे तो तीन गाड़ियों को पुलिस बेरिकेड्स से निकाल कर उनके काफिले को रंगनिवास के यहां रोक दिया गया. हंगामे के बाद पुलिस बैकफुट पर आई और सभी लोगो को जगदीश चौक जाने दिया, बड़ी संख्या में लोग जगदीश चौक में पहुंचे. जहां सिटी पैलेस के बाहर पहले से बेरीकटिंग किए गए थे. कई घंटे तक प्रशासन की मध्यस्थता और वार्तालाप का दौर चलता रहा इस बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ अपनी गाड़ी में बैठे रहे. लेकिन काफी देर तक मध्यस्थ सफल नहीं होने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ अपनी गाड़ी से उतर गए. इस दौरान उनके समर्थक सिटी पैलेस के गेट के बाहर नारेबाजी करने लगे.
तभी कुछ लोग सिटी पैलेस की दीवार पर चढ़ गए, इस बीच अचानक सिटी पैलेस के अंदर से पथराव शुरू हो गया. इस दौरान 4 लोग घायल भी हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया. घायलो में पुलिसकर्मी भी शामिल है. राजमहल के अंदर से पत्थर और बोतले फेंकी गई, जिसमें कुछ लोगों की घायल हो गए.वही विश्वराज सिंह मेवाड़ भी राजमहल से कुछ दूरी पर अपने समर्थकों के साथ बैठे रहै, शाम 5:30 बजे से ही विवाद चला जो रात 1:30 बजे तक जारी रहा. हालांकि अचानक कोई पत्थर बाजी के बाद से ही माहौल गर्मा गया, ऐसे में प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था की फेल होती हुई नजर आई.
प्रशासन ने दोनों पक्षों में विवाद शांत कराने के लिए बात की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए विवादित धूणी वाली जगह को कुर्क कर घंटाघर थानाधिकारी को रिसीवर नियुक्त कर दिया. इसका नोटिस सिटी पैलेस के गेट पर चिपकाया गया है. वही विश्वराज सिह मेवाड़ ने कहा कि प्रशासन ने रिसीवर नियुक्त किया है, ऐसे में वह अपनी कार्रवाई करे, उन्होंने सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। असल मे उत्तराधिकार दस्तूर के बाद विश्वराज सिंह का सिटी पैलेस में धूंणी दर्शन का कार्यक्रम था, जबकि सिटी पैलेस दिवंगत महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के कब्जे में है.
दिवंगत भगवत सिंह मेवाड़ की वसीयत से अरविंद सिंह स्वयं को महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउंडेशन का अध्यक्ष बताते हैं. इस बारे में ट्रस्ट द्वारा रविवार शाम दो आम सूचनाएं जारी की गईं. एक अन्य आम सूचना में कहा गया कि विश्वराज ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं और सोमवार को पैलेस म्यूजियम में सुरक्षा की दृष्टि से अनाधिकृत लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
विश्वराज के एकलिंग जी मंदिर जाने का भी कार्यक्रम बनाया गया. इस बारे में भी ट्रस्ट द्वारा एक अन्य आम सूचना में बताया गया कि अरविंद सिंह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. इस मंदिर में भी अनाधिकृत प्रवेश निषेध रहेगा. ट्रस्ट की संपत्ति को नुकसान की आशंका जताते हुए पुलिस एवं प्रशासन से ट्रस्ट द्वारा पुलिस सुरक्षा मांगी गई. बता दें कि विश्वराज सिंह वर्तमान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी महिमा सिंह राजसमंद लोकसभा से सांसद हैं.
वहीं जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि मामला पूरी तरह से नियंत्रण में है. पर रिसीवर सिटी पैलेस में विवादित स्थल के लिए रिसीवर की प्रक्रिया की गई है. कुछ मांगों पर आपसी सहमति बन गई है. कुछ पर बातचीत जा रही है. इस मामले में किसी भी पक्ष द्वारा रिपोर्ट दिए जाने पर मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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