UGC 2022 Notification Released: भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)ने रेगुलेशन 2022 का नोटिफिकेशन जारी किया है. इस बार यूजीसी ने जो पीएचडी के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, उसके तहत अब सभी प्रोफेसर पीएचडी नहीं करा सकेंगे. जारी गाइडलाइन के अनुसार ऐसे प्रोफेसर जिनकी सेवानिवृत्ति के लिए 3 वर्ष से कम समय बचा है,


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 वे नए शोधार्थियों के पीएचडी गाइड नहीं बन सकेंगे. भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने रेगुलेशन 2022 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यूजीसी ने जो पीएचडी के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, उसके तहत अब सभी प्रोफेसर पीएचडी नहीं करा सकेंगे. जारी गाइडलाइन के अनुसार ऐसे प्रोफेसर जिनकी सेवानिवृत्ति के लिए 3 वर्ष से कम समय बचा है, वे नए शोधार्थियों के पीएचडी गाइड नही बन सकेंगे.


नए नियम में शोधार्थी को हर एक सेमेस्टर के बाद प्रोग्रेस रिपोर्ट गाइड के अलावा रिसर्च एडवायजरी कमेटी के सामने प्रस्तुत करनी होगी. अभी तक यह पीएचडी गाइड से प्रमाणित करा लेते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. पीएचडी थीसिस का मूल्यांकन उसके गाइड और कम से कम दो एक्सटर्नल एग्जामिनरों द्वारा किया जाएगा. इसमें विवि जहां तक संभव हो, एक विदेश के एग्जामिनर से मूल्यांकन कराएगा. यह रेगुलेशन पहले पंजीकृत शोधार्थियों पर या उन विद्यार्थियों पर लागू नहीं होगा जिनके परिणाम आ चुके हैं और पंजीयन की प्रक्रिया जारी है.


62 साल से अधिक उम्र के प्रोफेसर्स पीएचडी गाइड नहीं बन सकेंगे
हालांकि यूजीसी ने यह भी कहा है कि वे अपने रिटायरमेंट तक पहले से पंजीकृत शोधार्थियों का सुपरविजन कर सकेंगे. कहने का तात्पर्य यह है कि अब 62 साल से अधिक उम्र के प्रोफेसर्स पीएचडी गाइड नहीं बन सकेंगे. सेवानिवृत्ति के बाद को-गाइड के रूप में 70 वर्ष की उम्र तक ही कार्य कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि अभी तक इस मामले में स्पष्टता का अभाव था.


अब शोधार्थी को कम से कम 12 क्रेडिट की जरूरत होगी
पीएचडी कोर्स वर्क के लिए अब शोधार्थी को कम से कम 12 क्रेडिट की जरूरत होगी. इसके लिए रिसर्च एडवायजरी कमेटी यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त ऑनलाइन कोर्स की सिफारिश भी कर सकती है.ऐसा करने में शोधार्थी को अटैंडेंस में छूट मिलेगी. 


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