Rajasthan Rajyasabha election vote : राजस्थान में चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुए. राज्यसभा चुनाव के परिणाम भी जारी हो गए. कांग्रेस ने तीन सीटें जीती. बीजेपी ने एक सीट जीती. चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी जारी है. इसी बीच अशोक गहलोत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वैसे इस वीडियो में कुछ भी गलत नहीं है. लेकिन इस वीडियो को देखकर राज्यसभा चुनावों में मतदान की प्रक्रिया को समझा जा सकता है. 


अशोक गहलोत का राज्यसभा चुनाव में मतदान


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आपने सरपंच से लेकर प्रधान और जिला प्रमुख से लेकर सांसद और विधायक को वोट दिए होंगे. लेकिन राज्यसभा चुनाव में आपने वोट नहीं किया है. इसमें आपके राज्य के विधायक वोट देते है. लेकिन वोट देने की प्रक्रिया वैसी नहीं होती है. जैसी आप सांसद विधायक के चुनाव में देते है. राज्यसभा चुनावों में मतदान की प्रक्रिया कुछ अलग होती है. 


मतदान का वीडियो देखें-



राज्यसभा चुनाव मतदान कैसे होता है


राज्यसभा चुनावों में मतदान करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये वीडियो इसे समझने के लिए सबसे बेहतर है. अशोक गहलोत इस वीडियो में बतौर विधायक मतदान कर रहे है. क्योंकि विधायक ही राज्यसभा सांसदों के चुनाव में वोटिंग करते है. ये वीडियो वोटिंग हॉल का है. जिसमें मुख्यमंत्री भी कतार में लगकर वोट देने पहुंचते है. मतदान हॉल का नजारा कुछ ऐसा है कि उसमें निर्वाचन अधिकारियों की राउंड टेबल लगी है.  सबसे आउटर टेबल पर कतार में चुनाव प्रक्रिया कराने वाले अधिकारी बैठे है. उनके पीछे सीनियर अधिकारी बैठकर पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे हुए है. 


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सामने की तरफ सभी उम्मीदवारों के एजेंट बैठे है. इसके अलावा इसी हॉल के एक साइड में लकड़ी या पर्दे से बना एक ऐसा सुरक्षित स्थान होता है. जहां व्यक्ति को कोई और न देख सके. उसके ठीक बाहर एक मतदान पेटी भी रखी होती है. विधायक को वोट डालने के लिए एक पर्चा दिया जाता है. साथ में एक विशेष कलर की स्याही वाली पेन दी जाती है. विधायक उस सुरक्षित स्थान पर जाता है जहां से उसे कोई देख न सके. वहां जाकर वो पर्चे पर वोटों की वरियता का चयन करता है. 


वरियता का चयन करने के बाद वो उससे बाहर आकर अपनी पार्टी के एजेंट के पास जाता है. और उसे पर्चा दिखाता है. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का ये नियम है कि जब विधायक किसी को वोट देंगे. तो मतदान पेटी में पर्चा डालने से पहले अपनी ही पार्टी के एजेंट को दिखाएं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि विधायकों की खरीद फरोख्त पर रोक लग सके. और गुप्त रूप से रुपए लेकर किसी और को वोट न दे. 


ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर विधायक अपनी पार्टी के खिलाफ वोट डालता है तो भी उस पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा. एक खास बात ये भी है कि जो विधायक निर्दलीय होंगे. उनको किसी को मतपत्र नहीं दिखाना होता है. अगर निर्दलीय विधायक अपना मतपत्र किसी को दिखाते है तो उनका मतपत्र खारिज हो जाता है. किसी पार्टी का विधायक भी अगर किसी दूसरे को मतपत्र दिखाता है तो भी वोट खारिज कर दिया जाता है. नियम ये भी है कि तय स्याही वाली पेन के अलावा दूसरे कलर की स्याही वाली पेन से वोट देने पर भी वोट खारिज हो जाता है.


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