Dhanteras Shubh Muhurt 2022 : धनतेरस पर 27 साल बाद अनोखा संयोग, जानें शुभ मुहूर्त और कुबेर और धंवन्तरी देव की पूजा विधि
इस साल धनतेरस आज 23 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. 27 साल बन रहे विशेष संयोग पर इस तरीके से पूजा करें.
Dhanteras Shubh Muhurt 2022 : वैदिक पंचांग में धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाने के बारे में बताया गया है. वहीं धनतेरस को धन त्रयोदशी और धन्वंतरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस पर कुबेर और धंवन्तरी की पूजा करने का विधान है. सोना-चांदी या फिर बर्तन खरीदना इस दिन बेहद शुभ माना जाता है.
धनतेरस के दिन खरीददारी करने से घर में बरकत आती है. इस साल धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा. 27 साल बन रहे विशेष संयोग पर आपको बताते हैं शुभ मुहूर्त और कुबेर -धंवन्तरी देव की पूजा की विशेष विधि.
Chanakya Niti : पुरुषों की इन बुरी आदतों को खूबी समझ लेती हैं स्त्री
धनतेरस की तिथि और खरीदारी शुभ मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 22 अक्टूबर दिन शनिवार को शाम 06:03 बजे से शुरु होकर 23 अक्टूबर की शाम 06:04 बजे तक है . वहीं उदया तिथि के अनुसार 23 अक्टूबर को धनतेरस मनायी जाएगी.
27 साल बाद अनोखा संयोग
इस बार 27 साल बाद धनतेरस का मान दो तक रहने वाला है, क्योंकि त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर को शाम 6:03 बजे होगी और समापन 23 अक्टूबर को शाम 6:04 बजे तक होगा. ऐसे में पहले दिन रात में और दूसरे दिन दिनभर खरीदारी की जा सकती है.
दीयों से अक्षय पुण्य की प्राप्ति
पौराणिक ग्रंथों में लिखा है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है. वहीं धनतेरस के दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाने चाहिए. क्योंकि धनतेरस से ही दीपावली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन शाम के समय दीये जलाने से अक्षय पुण्य मिलता है. साथ ही कुबेर यंत्र, श्री यंत्र, झाड़ू और धनिए के बीज खरीदना सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. वहीं दीपवाली के दिन श्रीयंत्र की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर परिवार में समृद्धि आ जाती है.
Aaj Ka Rashifal : मेष-वृषभ का लकी डे, सिंह-कर्क को अनहोनी का डर