जयपुर: राजस्थान यूनिवर्सिटी का एक वरिष्ठ लिपिक अपनी एक मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से कुलपति सचिवालय के बाहर अपने परिवार के साथ धरने पर बैठा है. तीन दिनों के बाद भी कर्मचारी की समस्या समाधान को लेकर ना तो कोई कदम उठाए गए हैं और ना ही अभी तक किसी प्रकार की बातचीत की गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन के उदासीन रवैये के बाद वरिष्ठ लिपिक छोटू लाल सैन निराश होता जा रहा है.


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गौरतलब है की वरिष्ठ लिपिक छोटू लाल सैन ने करीब तीन महीने पहले राविवि प्रशासन को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. छोटू लाल सैन की दलील है कि उसकी माता जी की उम्र 80 साल है. साथ ही उनकी पत्नी गंभीर रोग से ग्रसित है, जिसके 6 ऑपरेशन हो चुके हैं. उन्हें जो क्वार्टर अलॉट किया गया है. उसे बदलकर ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया जाए. विवि प्रशासन द्वारा उनको क्वार्टर नम्बर डी 16 प्रथम तल पर दिया गया है. उसके स्थान पर वो क्वार्टर नंबर 9 ग्राउंड फ्लोर चाह रहे हैं,लेकिन तीन महीने बाद भी कोई समाधान नहीं मिलने के बाद वह निराश होकर धरना देने का फैसला किया गया है.


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ग्राउंड फ्लोर पर रहना चाहते हैं छोटू लाल सैन


छोटू लाल सैन ने बताया कि "महीनों पहले राविवि प्रशासन को प्रार्थना पत्र दिया था ,लेकिन पिछले दिनों राविवि प्रशासन ने ये क्वार्टर एक जूनियर कर्मचारी को दे दिया,जबकि उनकी माता और पत्नी गंभीर रोग से पीड़ित हैं,,जिसके चलते वो प्रथम तल से नीचे नहीं उतर सकती है.साथ ही चिकित्सा उपचार के लिए ले जाने में काफी समस्या होती है.


विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनदेखी का आरोप


छोटू लाल के समर्थन में धरने पर बैठे राविवि कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद मुस्तफा ने बताया "राविवि प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है. महीनों पहले प्रार्थना पत्र लगाने के बाद भी राविवि प्रशासन ने अन्य जूनियर कर्मचारी को डी 9 क्वार्टर अलॉट कर दिया है, इसलिए हमने भी धरने को समर्थन दिया है."