Jaipur: विधानसभा में 'मोदी बनाम महादेव' पर आज हंगामा हो गया. विधायक ज्ञानचंद पारख ने पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान महादेव से की. उनहोंने कहा कि जब महादेव की तीसरी आंख खुलती है तो जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का सफाया होता है. उन्होंने कहा कि जब महादेव का डमरु बजता है, तो कश्मीर से धारा 370 हट जाती है. काशी विश्वनाथ का कायाकल्प भी सबने देखा है. ज्ञानचंद पारख ने पीएम नरेंद्र मोदी को  महादेव की संज्ञा दी है. 


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इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ऐतराज जताया है. मुख्य सचेतक महेश जोशी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की भगवान महादेव से तुलना नहीं हो सकती है. रोहित बोहरा समेत अन्य कांग्रेसी विधायकों ने भी दिया महेश जोशी का साथ दिया. 


रोहित बोहरा ने बोलते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले का नाम सदन में नहीं लिया जा सकता है. आसन पर सभापति जेपी चंदेलिया बैठे थे. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच में गहमागहमी देखने को मिली. तकरीबन दो मिनट तक दोनों पक्षों के बीच बहस का घटनाक्रम चला. 


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हम आपको बता दें कि आज विधानसभा में सालासर रोड पर राम दरबार की मूर्ति लगे गेट को गिराने का मामला भी उठा. मामले में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने बयान देते हुए कहा कि NHAI ठेकेदार ने गेट गिराया है. एनएचएआई का ठेकेदार है. केंद्र को हाईवे प्रोजेक्ट बनाते समय सोचना चाहिए कि कहां क्या-क्या छोड़ना है. राजस्थान सरकार का इसमें कोई लेना देना नहीं है.


वैभव गहलोत पर FIR मामले में भी उन्होंने कहा कि एफआईआर का मतलब दोषी होना नहीं है. उन्होंने खुद इस मामले में स्पष्टीकरण दे दिया है.