Dausa: पिछले एक माह से दौसा जिले में किसान (Farmer) खाद को लेकर परेशान है और किसानों को जैसे ही खाद आने की सूचना मिलती है तो मौके पर पहुचकर लंबी-लंबी कतार लगाकर खड़े हो जाते है. कई बार तो घण्टों लाइन में लगने के बाद भी किसानों को खाद (Fertilizer) नहीं मिल पाती, जिसके चलते किसान सिस्टम को कोसते हुए घर चले जाते है. आज भी किसानों को रामगढ़ पचवारा में पुलिस की मौजूदगी में खाद के लिए घण्टों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ा.


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दरअसल दौसा (Dausa News) के लालसोट विधानसभा क्षेत्र के रामगढ़ पचवारा उपखण्ड मुख्यालय पर यूरिया खाद (Urea) आने की सूचना मिलते ही हजारों की तादाद में किसानों की भीड़ एकत्रित हो गई. हालत यह रही कि किसानों (Farmers) की ज्यादा भीड़ को देखते हुए पुलिस थाने में पुलिस सुरक्षा के बीच में खाद के कट्टे वितरित किए गए. इस अवसर पर जरूरी दस्तावेज लेने के बाद में किसानों को एक-एक खाद का कट्टा वितरित किया गया. एक खाद के कट्टे को लेने के लिए किसानों को 2-2 घंटे तक लंबी लाइन की कतारों में खड़े रहने को मजबूर होना पड़ा.


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रामगढ़ पचवारा में 900 कट्टे यूरिया खाद के पहुंचने की सूचना मिलते ही किसानों की भीड़ खाद विक्रेता अशोक खाद बीज भंडार पर लग गई. खाद विक्रेता किसानों की सैकड़ों संख्या देखते ही खाद कट्टे थाने पर बटवाने का निर्णय लिया. पुलिस थाने में कड़ी सुरक्षा के बीच में किसानों की लंबी कतार लगवा कर किसानों को एक एक ही यूरिया खाद का कट्टा जरूरी दस्तावेज लेकर देने की कार्रवाई की गई. इस अवसर पर कृषि विभाग (Agriculture Department) के अधिकारी मौजूद रहे.


इधर दूसरी तरफ दो 2 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद एक-एक कट्टा बमुश्किल किसानों को यूरिया खाद का मिलने पर किसानों ने रोष जताया है. किसान रामफूल हरफूल किशनलाल घनश्याम ने बताया कि सरकार (Governement) किसानों की समस्या को देखते हुए यूरिया खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि किसानों को अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इधर सहायक कृषि अधिकारी राम खिलाड़ी मीणा ने बताया कि रामगढ़ पचवारा में 900 कट्टे वितरित किए गए हैं. रविवार को खाद के कट्टे शिवसिंह पूरा पहुंचे हैं. अगले 2 दिन बाद खाद की आने की संभावना है, जिसे किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा.


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अन्नदाता दिनरात खेतों में काम कर फसल का उत्पादन करता है, लेकिन इसे सिस्टम की लापरवाही कहे या अनदेखी जिसके चलते हर बार फसल के समय किसान खाद के लिए इधर-उधर भटकता है. वहीं कई बार तो खाद की कालाबाजारी (Black Marketing) की बात भी किसान कहते हुए नजर आए है. आखिर किसानों को इस खाद की समस्या से कब मिलेगा छुटकारा यह कहना मुश्किल है.
Report- LAXMI AVATAR SHARMA