Rajasthan News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और लोकसभा चुनाव में मण्डी लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे विक्रमादित्य सिंह को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है.विक्रमादित्य सिंह ने अपनी पत्नी और राजस्थान के आमेट राजघराने से ताल्लुक रखने वालीं राजकुमारी सुदर्शना चुंडावत से तलाक के लिए दिल्ली की साकेत कोर्ट में अर्जी दायर की है,लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से साकेत कोर्ट में दायर की गयी इस अर्जी की सुनवाई उदयपुर की फैमिली कोर्ट में होगी.


सुप्रीम कोर्ट का आदेश


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विक्रमादित्य सिंह ने अपनी पत्नी राजकुमारी सुदर्शना सिंह चुंडावत के खिलाफ तलाक के​ लिए दिल्ली के साकेत फैमिली कोर्ट संख्या 2 में अर्जी दायर की है. विक्रमादित्य सिंह ने सुदर्शना सिंह और उनके बीच विवाह के बाद से ही उपजे हालातों के आधार पर तलाक मांगा है. दूसरी तरफ सुदर्शना सिंह ने दिल्ली कोर्ट में दायर अर्जी की सुनवाई को उदयपुर की फैमिली कोर्ट में कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.



याचिका में सुदर्शना ने दिल्ली में सुनवाई में होने वाली परेशानी और अपने पैतृक आवास से दूरी सहित कई बिदुंओं को लेकर मुकदमें की सुनवाई उनके निकट की अदालत में ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाशकालीन बेंच ने सुदर्शना चुंडावत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम आदेश दिए है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के साकेत फैमिली कोर्ट में चल रहे तलाक के मुकदमे की सुनवाई उदयपुर फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश दिए है.



वीसी के जरिए हो सकेंगे पेश


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तलाक के मुकदमे को दिल्ली से उदयपुर की कोर्ट में ट्रांसफर करते हुए साकेत कोर्ट को इस केस से जुड़ी सभी पत्रावली उदयपुर कोर्ट भेजने के आदेश दिए है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए है कि फैमिली कोर्ट उदयपुर में वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा होने पर पक्षकारों को वीसी के जरिए पेश होने की छूट दी जाए.



शादी के डेढ साल बाद


गौरतलब है कि विक्रमादित्य की शादी 8 मार्च 2019 को राजसमंद के आमेट रियासत की राजकुमारी सुदर्शना सिंह चुंडावत से हुई थी. शादी के बाद से ही पति-पत्नी के बीच अनबन चलती रही. सुदर्शना ने ससुराल पक्ष पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में परिवाद दायर किया था. 33 वर्षीय विक्रमादित्य सिंह को वर्ष 2021 में उनके पिता की मृत्यु के बाद बस बुशहर – शिमला का राजा बनाया गया था.



घरेलू हिंसा मामले में लगा था झटका


सुदर्शना सिंह चुण्डावत ने अक्टूबर 2022 में घरेलू हिंसा का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 12 के अधीन परिवाद दिया था. इसमें पति विक्रमादित्यसिंह, उनकी मां, ननद, ननदोई और चंडीगढ़ निवासी एक महिला पर आरोप लगाए थे. भरण पोषण के लिए मूल प्रार्थना पत्र के साथ ही अंतरिम भरण पोषण की भी मांग की गई थी. इस मामले में फैमिली कोर्ट ने 16 फरवरी 2024 के अपने फैसले में अंतरिम भरण पोषण के आदेश सुनाए थे. आदेश के तहत विक्रमादित्य सिंह को अपनी पत्नी सुदर्शना कुमारी को अंतरिम भरण के रूप में केस चलने तक चार लाख रुपये प्रतिमाह देने के आदेश दिए थे. >