Vintage Car Rally In Jaipur : गुलाबी शहर जयपुर में विंटेज, क्लासिक कारों का जलवा देखने को मिला. कारें अपने डिफ्रेंट फीचर्स और खूबसूरत लुक से जयपुराइट्स को ही नहीं बल्कि देशी-विदेशी मेहमानों को भी लुभाती नजर आई.


गुलाबी शहर जयपुर में विंटेज, क्लासिक कारों का जलवा


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120 से अधिक कार एक ही जगह पर जयपुर में पहली बार देखने को मिली. विंटेज और क्लासिकल कर का उद्घाटन आयोजकों द्वारा किया गया. शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस जैकब रोड आकर रैली का समापन समारोह आयोजित किया गया.



कार्यक्रम के समापन समारोह के दौरान उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने विभिन्न श्रेणियां में प्रथम, द्वितीय और तृतीय आने वाले कार मालिको को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. दीया कुमारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए क्लासिक विंटेज कार में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा जयपुर में क्लासिक और विंटेज कार के लिए संग्रहालय का निर्माण होगा.


जयपुर में क्लासिक और विंटेज कार के लिए बनेगा संग्रहालय - दीया कुमारी


इसी के साथ धरोहर बचाना हम सब का कर्तव्य है, इसे सभी को मिलकर निभाना होगा. पूरे भारतवर्ष से कार जयपुर में देखकर अच्छा लग रहा है. पर्यटन विभाग शुरू से ही ऐसे कार्यक्रमों में सहयोग करता रहा है आगे भी बढ़-चढ़कर सहयोग करेगा.


पिंक सिटी में ऐसे कार्यक्रम होने से चार चांद लगते हैं, आने वाली वीडियो के लिए यह 9 वां अजूबा होगा. इसी के साथ ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने से पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलता है, इसके लिए विभाग समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करवाता है, जिससे पर्यटक राजस्थान के प्रति और अधिक आकर्षित हो. विंटेज और क्लासिकल कार को सहेजना बहुत कठिन बात है लेकिन आप सभी ने इस विरासत को शहीद कर रखा इसके लिए एक बार फिर आप सभी का धन्यवाद.


प्रदेशवासियों को विंटेज और क्लासिक कारे अपने स्टाइल और खूबसूरत लुक से आकर्षित करती नजर आई. वहीं लोगो को देश और दुनियां के कारों के हैरिटेज और हिस्ट्री से भी रुबरु होने का मौका मिला. इस दौरान लोगों ने कारों के साथ सेल्फी पोज देते नजर आए.


एग्जीबिशन और राइड के दौरान ऐसा लग रहा था कि मानों कारों का कारवां अपने इतिहास की कहानी खुद कह रहा हो. एग्जीबिशन के दौरान 1932 से लेकर 1965 तक की विंटेज और कारों सहित क्लासिकल कारों को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें क्लासिक्स-यूरोपियन, क्लासिक्स- अमेरिकन, यूरोपियन रोल्स रॉयस, सर्पोटेशन, क्लासिक्स-थंडरर्बड, स्पोर्ट्स कारों सहित इंडियन हैरिटेज 1947 से 1965 तक भारत में बनी या असेंबल हुई कारे शामिल रही.


पुरानी कारों के शौकीन ने बताया कि भारत में क्लासिक कार कलेक्शन में न केवल एक नया दौर शुरु हुआ है, बल्कि कारों के ऐतिहासिक महत्व के मामले में भी दुनिया में अग्रणी पंक्ति में आ गया है. अब भारत में विंटेज कारों के रखरखाव का स्तर अंतरराष्ट्रीय स्तर का है.


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एग्जीबिशन में देशभर की 120 से अधिक कार्य अपने भागीदारी निभा रही है. वहीं पुरानी कारों के शौकीन ने बताया वह इन कारों को अपने बच्चों से भी अधिक प्यार और दुलार करते हैं जिस तरह एक छोटे बच्चों की देखभाल की जाती है वैसे ही इन कारों को रखा जाता है.


उन्होंने कहा उनके पास 20 से अधिक विंटेज और क्लासिकल कारों की श्रृंखला है उन्होंने घर में ही अपना एक गेराज बना रखा है इस गैराज में इन सभी गाड़ियों की मेंटेनेंस और फिटनेस होती है देश भर में आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में वह हिस्सा लेते हैं और उन्हें अपने से ज्यादा इन कारों पर गर्व है.


भारत का इतिसाह और हैरिटेज इतना रिच है वहीं कारों से भी भारतीयों को जुडाव उतना ही पुराना है. भारतीय की आज ही नही बल्कि राजे रजवाडों के समस से ही खूबसूरत स्टाइल और लुक वाली कारें पसंद रही है.


दुनियां में बनने वाली मंहगी से मंहगीं कारें भारतीयों के कलेक्शन में रही है और ऑटोमोटिव का सबसे बड़ा मार्केट हिन्दुस्तान ही रहा है. इससे अंदाजा लगा सकते है कि भारत अपनी शानों-शौकत और हैरिटेज में दुनियां में अपनी अलग पहचान रखता है.