Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली के पांचना बांध से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं देने के मामले में कहा है कि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार पानी की सप्लाई शुरू की जाए. 


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वहीं अदालत ने चेतावनी दी है कि यदि इस संबंध में किसी ने कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. 


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अदालत ने करौली और सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर को कहा है कि वे पानी की सप्लाई का विरोध करने वाली पंचायतों में नोटिस के जरिए अदालती आदेश की जानकारी दें. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश ग्रामोत्थान संस्थान की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने कहा है कि यदि किसी को पानी सप्लाई के संबंध में कोई आपत्ति हो तो वह संबंधित जिला कलेक्टर को अपनी आपत्ति दर्ज कराए और कलेक्टर 17 अगस्त तक इन आपत्तियों को अदालत में रखें.


राज्य सरकार कानून-व्यवस्था के नाम पर पानी की सप्लाई रोक रही
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद और अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया जा रहा और पिछले 14 साल से स्थानीय निवासियों को सिंचाई के लिए पांचना बांध, करौली से पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है. जबकि पूर्व में बांध से नियमित तौर पर पानी की सप्लाई जारी थी. लेकिन एक संघर्ष समिति के आंदोलन के कारण बांध से पानी की सप्लाई को बंद कर दिया गया. राज्य सरकार कानून-व्यवस्था के नाम पर पानी की सप्लाई रोक रही है. 


पीआईएल में कहा कि जिस उद्देश्य से बांध का निर्माण किया था वह पूरा ही नहीं हो रहा और 46 गांव के करीब सवा लाख लोगों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. इससे सरकारी राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. इसलिए बांध से पूर्व की तरह पानी की सप्लाई शुरू की जाए.


Reporter- Mahesh Pareek


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