Jaya Kishori Life: जया किशोरी को क्यों बनी कथावाचक, बचपन की इस घटना ने बदली जिंदगी
Jaya kishori: सात साल की उम्र से कृष्ण के भजनों को सुनना और सुनना जया किशोरी को बेहद भाता था. उनके इस लगाव उनके परिवार ने भी जाना और उन्हें कृष्ण की भक्ति की ओर अग्रसर किया. उनके इसी कृष्ण मोह के कारण वह वर्तमान समय में आधुनिक मीरा के रूप में जानी जाती है.
Jaya Kishori: भारत की जानी मानी मोटिवेशनल एंड आधायत्मिक स्पीकर जया किशोरी( Jaya kishori) को कौन नहीं जानता. वह यूथ में आधुनिक मीरा के नाम से भी जानी जाती है. उन्हें यह नाम उनकी कृष्ण के प्रति असीम आस्था को लेकर दिया गया है. बेहद ही कम उम्र में जया किशोरी( Jaya kishori) ने सफलता की उन ऊंचाईयों पर अपना नाम लिख दिया हैं जहां पर पहुंचने में इंसान को कई साल लग जाते हैं.
जया किशोरी ही है जया शर्मा
जया किशोरी ( Jaya kishori) का असली नाम जया शर्मा है. किशोरी की उपाधि उन्हें उनके गुरू गुरु पंडित गोविंदराम जी मिश्र ने दी थी. उनके गुरू ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनके अगाध प्रेम और श्रद्धा को देखकर उन्हें यह उपाधि दी थी. जिसके बाद से वह अपने भक्तों के बीच जया किशोरी के नाम से जाने लगी.
7 साल की उम्र में शुरू हुआ आधायत्मिक सफर
जया किशोरी ने अपने आध्यत्मिक सफर की शुरुआत 7 साल की में ही कर दी थी. जया किशोरी ( Jaya kishori) को बचपन से ही श्री कृष्ण के भजन गाने और सुनने का शौक था. जिसके कारण बचपन से ही उनकी भगवान श्री कृष्ण के प्रति अटूट आस्था थी. उनके इस रूझान को उनके माता पिता ने भी समझा और उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया. परिवार से मिले प्रोत्साहन की वजह से ही जया किशोरी ने आज के समय में आध्यात्म के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना ली है.
राजस्थान की हैं जया किशोरी
राजस्थान में जया किशोरी ( Jaya kishori) का जन्म गौर ब्राह्मण परिवार में हुआ हैं, लेकिन बाद में उनका परिवार कोलकाता में शिफ्ट हो गया था. 13 जुलाई 1995 को कोलकाता में जया किशोरी का जन्म हुआ था. वह वहीं पली-बढ़ी है. उनके परिवार में पिता शिव शंकर, माता सोनिया और छोटी बहन चेतना शर्मा हैं. जया किशोरी की शुरुआती शिक्षा कोलकता की महादेवी बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी से हुई है. इसके बाद उन्होंने कोलकता के ही श्री शिक्षायतन कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की. स्नातक (बैचलर ऑफ कॉमर्स (B. Com) ) की पढ़ाई जया किशोरी ने एक ओपन यूनिवर्सिटी से की है.
बचपन से था भजन सुनने का शौक
जया किशोरी को बचपन से ही भजन गाने और कथा सुनाने का बेहद शौक था. परिवार की मानें तो जब वह 7 साल की थी, तब उन्होंने कोलकाता में बसंत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान आयोजित सत्संग में गाना गाया था.10 साल की हुईं, तब उन्होंने अकेले 'सुंदर कांड' का पाठ किया था. उन्होंने संस्कृत में दारिद्रय दहन, रामाष्टकम, मधुराष्टकम, श्रीरुद्राष्टकम, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम जैसे कई श्लोक गाए हैं.
गुरु ने बनाया जया किशोरी
भगवान कृष्ण के प्रति उनका प्रेम देखकर उनके गुरु पंडित गोविंद राम मिश्रा ने उनको किशोरी की उपाधि दी थी. जया किशोरी की शादीजया किशोरी पहले कई बार कह चुकी हैं कि वो शादी करेंगी, लेकिन इसके लिए उनकी एक शर्त है. उन्होंने बताया था कि वह उसी से शादी करेंगी, जो कोलकत्ता में रहता हो.
जया किशोरी के 9 लाख 50 हजार रुपये फीस के तौर पर ले लेती हैं. जिसका बड़ा हिस्सा नारायण सेवा संस्थान को दान में जाता है. कथावाचन के अलावा जया किशोरी की कमाई यूट्यूब वीडियोज और एल्बम्स से भी होती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 1.5 से 2 करोड़ रुपये है.