Winter Solstice 2023: 21 दिसंबर का दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है. इस दिन मकर रेखा पृथ्‍वी के सबसे पास होती है. इसी वजह से इस दिन की अवधि कम होती है. हालांकि 22 दिसंबर से दिन लंबे होने शुरू हो जाएंगे. 21 दिसंबर के दिन होने वाली घटना को खगोलीय घटना कहते हैं. 


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वहीं, भारतीय ज्योतिष में इसे मकर सायन कहते हैं. इस दिन को विंटर सॉल्स्टिस (Winter Solstice) के नाम से भी जाना जाता है. बताया जाता है, कि सालाना विंटर सॉल्स्टिस उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे लम्बी रात को इंगित करता है. वहीं, दक्षिणी गोलार्ध के लिए यह सबसे लम्बा दिन और सबसे छोटी रात लेकर आता है. 


कहां से आया सॉल्स्टिस शब्द 


सॉल्स्टिस शब्द लैटिन भाषा से लिया गया शब्द है. इसका मतलब होता है कि अभी सूर्य स्थिर है, क्योंकि सॉल्स्टिस के वक्त सूर्य उत्तर या दक्षिण की तरफ अपनी दिशा बदलने से पहले कुछ पल के लिए ठहर जाता है. कई देशो में इसे त्यौहार के तौर पर भी मनाया जाता है. स्टोनहेज में लोग उस पल का जश्न मनाने और उस पर पल को कैप्चर करने के लिए इकट्ठे होते हैं जब सूर्य सीधे प्रसिद्ध पत्थरों के साथ संरेखित होता है.


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वहीं, आयरलैंड में लोग न्यूग्रेंज में सॉल्स्टिस से पहले दिन एक विशाल कब्रिस्तान जो 5000 वर्ष से अधिक पुराना है, में इकट्ठा होते हैं और यहां मकबरे पर पड़ने वाले सूर्योदय के प्रकाश को देखते हैं. चीनी शीतकालीन संक्रांति को डोंगजी महोत्सव के रूप में संदर्भित करती है, जबकि स्थानीय लोग चावल की गेंदों का आनंद लेते हैं जिसका अर्थ है पारिवारिक पुनर्मिलन. इसे समृद्धि और एकता के पर्व के रूप में मनाया जाता है.


विंटर सॉल्स्टिस की तरह ही गर्मियों में समर सॉल्स्टिस भी होता है. यह जून में 21 तारीख के आस पास होता है और इसका प्रभाव से बिल्कुल उलटा होता है. इस दिन का धार्मिक महत्व भी है. दरअसल मान्यताओं के अनुसार इसे धनुमास का अंतिम दिन और वास्तवित संक्रांति के नाम से जाना जाता है.