Rajasthan News: साल 2022 विदाई की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में ये साल भी राजस्थान के लिए काफी खास रहा है. कुछ उपलब्धियां मिलीं तो कुछ दर्द और जख्म भी मिले हैं. साथ ही कन्हैयालाल हत्याकांड जैसे कुछ काले दाग भी राजस्थान के आंचल में लगे हैं. दर्द व जख्म और खुशियाों के बीच कैसा रहा राजस्थानियों के लिए ये साल. बता रहा है जी राजस्थान.


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1. जब एक मंच पर दिखे पीएम मोदी और सीएम गहलोत
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित श्री गोविन्द गुरू की मानगढ़ धाम पर पहुंचे थे तो वो पल काफी खास था. कहने को तो यह धार्मिक कार्यक्रम था, लेकिन इसके कई मायने थे. आपको बता दें कि मानगढ़ में गोविन्द गुरू जब डेढ़ लाख से ज्यादा भीलों को साथ लेकर सभा कर रहे थे, 


उसी दौरान अंग्रेजों ने गोलियां बरसाई. अंग्रेजों की ओर से किए गए हमले में 1500 भीलों की मौत हो गई थी. उन्हें नमन करने के लिए हो रहे एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई सीएम शामिल हुए थे. पीएम मोदी के साथ सीएम गहलोत की तस्वीरें पूरे राजस्थान में देखी गईं, पक्ष और विपक्ष के संतुलन की ये साल की सबसे बेहतर तस्वीर कही जा रही है. इसकी सबने सराहना की.


2. राजस्थान में जब बना एक अनूठा रिकॉर्ड
ये साल खेलों के लिहाज से काफी खास रहा राजस्थान के लिए. खेलों की दुनिया में राजस्थान एक अनूठा रिकॉर्ड बना लिया है. वो खेल था राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल. इसे खेल दिवस के अवसर  शुरु किया गया था. बीते 29 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुनिया के सबसे बड़े खेल महाकुंभ का आगाज जोधपुर के लूणी ग्राम पंचायत पहुंचकर किया था.


एक सिंतबर ग्रामीण ओलंपिक के तहत विभिन्न खेल गतिविधियों में प्रतिभागी हिस्सा लिए थे.  राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में कुल 30 लाख खिलाड़ी हिस्सा लिए हैं. जिनमें 8 साल के बालक बालिकाओं से लेकर 80 साल के बुजुर्ग भी शामिल हैं. दुनिया भर में यह अबतक की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है. साथ ही राजस्थान सरकार की खेलों को बढ़ावा देने के लिए ये एक अभिनव पहल भी है. 


3. विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’ 
राजस्थान के नाथद्वारा की गणेश टेकरी पहाड़ी पर बनी विश्व की सबसे ऊंची महादेव की प्रतिमा काफी अद्भुत है. शिव ध्यान मुद्रा में जैसे यहां विराजमान हैं, उस रूप में उनके कहीं और दर्शन मुश्किल ही .आपको बता दें कि राजस्थान के पिलानी के रहने वाले मूर्तिकार नरेश कुमार ने भगवान शिव की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति मानेसर में तैयार की है. उन्होंने बताया कि मूर्ति इतनी मजबूत है कि ढाई हजार साल तक इसी तरह खड़ी रहेगी. इससे राजस्थान का मान देशभर में और बढ़ा है. 


4. कांग्रेस का गहन मंथन था, उदयपुर का चिंतन शिविर
 कई राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं समेत 400 से अधिक पदाधिकारियों ने नई जान फूंकने के लिए उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया था. शिविर में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था. पार्टी हार के कारणों की सामीक्षा करते हुए आगामी चुनावों का प्लान तैयार किया. पार्टी के नए नियम क्या होंगे ऐसे तमाम जरूरी और अहम विषयों पर चिंतन किया गया.


इसके बाद छह अलग-अलग समूहों में चर्चा की गई. फिर इससे निकले निष्कर्ष को ‘नवसंकल्प’ के रूप में कांग्रेस कार्य समिति 15 मई को मंजूरी मिली थी. इस दौरान पूरे देश की नजर कांग्रेस में होने वाले बदलाओं और राजस्थान में चल रहे चिंतन शिविर पर थी. देशभर के शीर्ष कांग्रेसी नेताओं का जमावड़ा उदयपुर में लगा हुआ था.


5. राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा
इस साल राजनैतिक रूप से देखें तो भारत जोड़ों यात्रा राजस्थान के लिए काफी खास रही. क्योंकि एक तरफ चुनाव हैं तो दूसरी तरफ गहलोत और पायलेट खमें में जारी घमासान के बीच यह यात्रा काफी स्पेशल बनी. यात्रा के माध्यम से कांग्रेस के हाईकमान और शीर्ष नेताओं ने राजस्थान के मिजाज को काफी पास से समझा. भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के सात जिलों की 18 विधानसभा सीटों को से गुजर चुकी है. 


इसमें झालावाड़ की झालरापाटन, कोटा की रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा उत्तर और दक्षिण विधानसभा सीट शामिल हैं. इसके बाद यह यात्रा बूंदी जिले की केशवरायपाटन विधानसभा सीट से होते हुए टोंक जिले में प्रवेश की थी. इस दौरान यात्रा देवली और उनियारा विधानसभा क्षेत्र से गुजरी. बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 3 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश की थी. करीब 17 दिन तक यात्रा राज्य में रही.  भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के सियासी घमासान के बीच विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करेगी. 


6. भाजपा की जन आक्रोश यात्रा
राजस्थान में एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी, कांग्रेस को हर एक मोड़ पर करारी टक्कर दे रही है. भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव राजस्थान में सफल न हो इसके लिए भाजपा गहलोत सरकार की नाकामियों को लेकर राजस्थान में जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है. यह यात्रा 20 दिनों तक चलेगी. प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर ये रथ दौड़े. इस दौरान भाजपा ने सरकार की नाकामियों को लेकर सीधे लोगों से संवाद किया. भाजपा की जन आक्रोश आने वाले दिनों में कापी अहम साबित हो सकती है.


7. जब झुंझुनूं के धनखड़ बनें देश के नए उप-राष्ट्रपति
जब राजस्थान के झुंझुनूं जिले देश को नया उप-राष्ट्रपति चुना गया तो ये पल काफी खास बन गया. क्योंकि पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला केंद्र के अहम पद पर काबिज हैं, वहीं भाजपा सरकार ने जगदीप धनखड़ उप-राष्ट्रपति बनाकर एक राजस्थान का कद और बढ़ा दिया. इस खबर के बाद झुंझुनूं समेत पूरे राजस्थान में जश्न का माहौल रहा.


मतदान के बाद आए नतीजों में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मारग्रेट अल्वा को 346 वोटों के बड़े अंतर से हराया. धनखड़ को 528 जबकि अल्वा को महज 182 वोट हासिल हुए. पश्चिम बंगाल में राज्यपाल रहते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनका सियासी घमासान खूब चर्चित रहा.


8. जब दहला राजस्थानः कन्हैयालाल हत्याकांड 
28 जून को उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी, आपको बता दें कि कन्हैयालाल धानमंडी इलाके के भूत महल क्षेत्र में रहते था और पेशे से दर्जी था. दो मुस्लिम युवक कपड़े का नाप देने के बहाने उनकी दुकान पर पहुंचे और धारदार हथियार से कन्हैया पर वार करना शुरू कर दिया. ताबड़तोड़ हमलों ने कन्हैया को संभलने का मौका तक नहीं दिया. उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही मौत हो गई.


कन्हैयालाल हत्याकांड में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. कन्हैयालाल हत्याकांड से पूरा राजस्थान दहल गया. हत्याकांड की तस्वीरें इतनी विभत्स थीं की हर देखने वाला शख्स विचलित हो गया. यह घटना देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के मकशद से की गई थी. इसमें देश विरोधी ताकतों का हाथ. NIA ने इस मामले की गहराई जांच की तो कई बड़े खुलासे भी हुए.


9. जब बिग बुल की मौत से सहमा राजस्थान का कारोबार
 राकेश झुनझुनवाला राजस्थान के झुंझुनूं  जिले से थे, आज भी इनका जिले में पैत्रिक मकान बना है, कुल देवी का मंदिर भी है, फिर इनका परिवार यहां से कानपुर चला गया था. कारोबारी लिहाज के हिसाब से राकेश झुनझुनवाला जिन्हे बिग बुल के नाम से जाना जाता था, उनका निधन देश समेत पूरे राजस्थान के लिए बड़ी क्षति है. राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को हुआ था,


वे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे. वे मुंबई में एक राजस्थानी परिवार में पले-बढ़े. उनके पिता आयकर आयुक्त के रूप में काम करते थे. उन्होंने सिडेनहैम कालेज से स्नातक किया और उसके बाद इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया में दाखिला लिया. 14 अगस्त 2022 को उनका 62 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.


10. जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट कांड का जख्म
 जोधपुर के शेरगढ़ इलाके के भूंगरा गांव में हुई गैस सिलेंडर त्रासदी में मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. सिलेंडर ब्लास्ट के हादसे में अब तक 33 लोग दम तोड़ चुके हैं. 30 से ज्यादा अभी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं, जिनमें से 9 घायलों का इलाज आईसीयू में चल रहा है. उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. इसके अलावा 9 मृतकों के शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखे हुए हैं,


जाते हुए साल ये सबसे बड़ा जख्म है, इस सिलेंडर ब्लास्ट कांड की जब भी चर्चा होगी तो राजस्थान सहम सा जाएगा. ये जख्म ऐसे वक्त हुआ है जो हाथ पीले करने की रश्म चल रही थी.