Year Ender 2024: आसाराम बापू को नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वह जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे थे, लेकिन हाल ही में उन्हें 17 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया है. आसाराम को यह पैरोल इलाज और व्यक्तिगत कारणों से दी गई है, जिसमें 15 दिन इलाज के लिए और 2 दिन यात्रा के शामिल हैं. वह आईसीयू एंबुलेंस में महाराष्ट्र के लिए रवाना हो गए हैं. इसके पहले भी आसाराम बापू को अदालत ने पैरोल दी है. आइए जानते हैं कब-कब और किसलिए आसाराम बापू को पैरोल दी गई है और इसकी क्या शर्तें थीं.


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स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को 17 दिनों की पैरोल पर रिहा किया गया है, जो यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. आसाराम को इलाज के लिए यह पैरोल दी गई है, जिसमें 15 दिन इलाज और 2 दिन यात्रा के लिए शामिल हैं.आसाराम को 18 दिसंबर को आईसीयू एंबुलेंस में जोधपुर से महाराष्ट्र ले जाया गया था. वह कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच एंबुलेंस में जोधपुर जेल से निकले और रतनंदा पुलिस की सुरक्षा में पुणे के लिए विमान में सवार हुए. उनका पुणे के माधवबाग आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज होगा ¹.


आसाराम को 2013 में यौन उत्पीड़न के एक मामले में दोषी पाया गया था और उन्हें धारा 376 (बलात्कार) और धारा 377 (अप्राकृतिक कृत्य) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. यह मामला एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म से जुड़ा था जो उनके जोधपुर स्थित आश्रम में पढ़ाई कर रही थी. वर्ष 2024 के अंत में, आसाराम को तीसरी बार पैरोल मिली, जो उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर को यह फैसला सुनाया, जिसमें उन्हें चिकित्सा कारणों से पैरोल की अनुमति दी गई. इससे पहले, उन्हें नवंबर में 30 दिन और अगस्त में 7 दिन की पैरोल मिली थी. आसाराम को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जिनमें ब्लॉकेज भी शामिल है. पैरोल की शर्तों के अनुसार, उन्हें इस अवधि के दौरान किसी से मिलने की अनुमति नहीं है.


आसाराम, जिन्होंने कभी पूरे भारत में लाखों अनुयायियों के दिलों पर राज किया था, को 2013 में यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. यह मामला सूरत की एक लड़की द्वारा आसाराम पर लगाए गए बलात्कार के आरोप से जुड़ा था. मामले की जांच में 68 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे और आसाराम समेत 7 आरोपी थे. हालांकि, पहले 8 आरोपी थे, लेकिन उनमें से एक सरकारी गवाह बन गया था.

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आसाराम को राजस्थान स्थित अपने आश्रम में नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के मामले में दोषी पाया गया था और उन्हें धारा 376 और 377 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. यह सजा उन्हें जोधपुर की एक अदालत द्वारा सुनाई गई थी. आसाराम की गिरफ्तारी और सजा ने उनके अनुयायियों और समर्थकों के बीच बड़ा झटका दिया था.

 



 



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