Phulera: राजस्थान में लगातार लंपी स्क्रीन संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसको लेकर रोजाना गायों की दर्दनाक मौत हो रही है, ऐसे में नकारात्मक तस्वीरों बहुत सी वायरल हो रही है उनके बीच लावारिस गायों को जीवन दान देने वाली एक तस्वीर राजधानी के फुलेरा से देखने को मिली है, जहा लंपी संक्रमण से ग्रसित लावारिस बेसहारा गायों को नया जीवन मिला है यहां बच्चे बुजुर्ग युवा और महिलाएं सभी मिलकर दिन रात संक्रमण का दर्द झेल रही गौ-माताओं की तन-मन और धन से सेवा करने में जुटे हैं.


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प्रदेश भर में लंबी संक्रमण से हजारों गौ-माताओं की मौत हो चुकी है और लगातार लंपी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, ऐसे में राजधानी के फुलेरा में गौ-सेवकों ने प्रशासन के साथ मिलकर इन्हें बचाने की मुहिम चलाई, जिसके बाद गोवंश को नया जीवनदान मिला है. यहां पर नगर पालिका के द्वारा 25 दिन पहले क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया, जहां गौ-सेवकों के द्वारा लंपी संक्रमण से ग्रसित गोवंश की देखभाल की जा रही है. यहां गायों को आयुर्वेदिक काढ़े पिलाया जा रहा है. साथ ही गौ-माताओं की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए औषधि युक्त दलिया बनाकर खिलाया जा रहा, जिसके बाद गोवंश में लगातार सुधार नजर आने लगा है. अभी भी क्वारंटाइन सेंटर में लगभग 50 गायों का उपचार चल रहा है.


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गोवंश में फैल रहे लंबी संक्रमण से बचाने के लिए फुलेरा के स्कूल मैदान में नगर पालिका के द्वारा क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया, जहां गोवंश के लिए पानी चारे और टेंट लगाकर छांव की व्यवस्था की गई, जिसके बाद कस्बे में ग्रसित गोवंशों को उठाकर यहां सेंटर में लाया जाता है और उनकी देखभाल की जा रही है. साथ ही अलग-अलग टीमों को जिम्मेदारी दी गई है, जहां पशु चिकित्सा टीम संक्रमित गोवंश का रोजाना समय-समय पर चेकअप करते है, तो वहीं एनजीओ संस्था के लोग भी इन गोवंश की सेवा में दिन रात लगे रहते हैं. उसी का नतीजा है कि अब धीरे-धीरे गायों में इम्यूनिटी बढ़ रही है और गायों की मौतों में लगातार कमी देखी जा रही है, ऐसे में गौ-सेवकों ने गोवंश की सेवा कर उन्हें नया जीवन दान दिया है.


गौ-माताओं की सेवा के लिए यहां युवा बुजुर्ग महिला और बच्चे भी तन-मन और धन से सेवा में जुटे रहते हैं. यहां गोवंश के लिए जन सहयोग से आयुर्वेदिक दलिया बनाया जा रहा है, जिसे महिला और बच्चे इन गोवंश को खिला रहे है. अक्सर अपने घरों में घरेलू काम में व्यस्त रहने वाली महिलाएं भी अपना समय निकालकर यहां रोजाना अपने घर से इन गोवंश के लिए फल रोटियां गुड और चारा लेकर आती है और अपने हाथों से खिलाकर गोवंश की सेवा में जुटी है. इतना ही नहीं यहां महिलाए इन गो-माताओं के लिए भजन कीर्तन कर इनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं और इस लंबी संक्रमण से गौमाता को बचाने की प्रार्थना कर रही है. ऐसे में गौ-सेवकों की सेवा देखकर हर कोई इस मुहिम का हिस्सा बन रहा है.


गोवंश को बचाने के लिए नगर पालिका और गो-सेवकों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चला रखी है, जहां कहीं भी गोवंश लंपी संक्रमण से ग्रस्त पड़े है तो लोग तुरंत सोशल मीडिया के जरिए सूचना पहुंचाते हैं. उसके बाद नगरपालिका की टीम उन गोवंश को उठाकर क्वारंटाइन सेंटर पहुंचाती है, जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग और एनजीओ की टीम उनका उपचार करती है, तो वहीं गोसेवक इनको आयुर्वेदिक काढ़ा और दलिया चारे पानी की व्यवस्था करते हैं. वहीं पालिका कर्मियों की ओर से हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जाता है. वहीं लगातार गोवंश की देखभाल के बाद कुछ दिन में ही उनके स्वास्थ्य में सुधार आने पर क्वारंटाइन सेंटर से बाहर छोड़ दिया जाता है, अब तक सेंटर पर सैकड़ों की संख्या में गोवंश को का उपचार किया जा चुका है, इसके बाद लगातार फुलेरा कस्बे में लम्पी से ग्रसित गोवंशओं की संख्या में कमी भी आई है और लगातार उनमें सुधार हो रहा है.


Reporter: Amit Yadav


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