जैसलमेर में सबसे बड़ी रोजा इफ्तारी का हुआ आयोजन, मंत्री शाले मोहम्मद के गांव में हुआ आयोजन
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि माहे रमजान आपसी मुहब्बत और भाईचारे का पैगाम देता है. हमें रमजान के पाक महीने में एक-दूसरे के साथ मुहब्बत का पैगाम देकर इंसानियत मजबूत करनी चाहिए.
Jaisalmer News: जिले मे मरहूम गाजी फकीर की दूसरी बरसी पर उनके निवास स्थान भागू का गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया. वहीं इस दौरान रोजा इफ्तार पार्टी भी आयोजित हुई. पीर पागारो जमाअत के चीफ खलीफा व कैबिनेट मंत्री ने अपने गांव में 20 हजार रोजेदारों के लिए रोजा इफ्तारी का आयोजन किया. गांव में बहुत बड़े डोम में हजारों लोगों ने शिरकत की तथा अल्लाह की इबादत करके रोजा खोला.
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि माहे रमजान आपसी मुहब्बत और भाईचारे का पैगाम देता है. हमें रमजान के पाक महीने में एक-दूसरे के साथ मुहब्बत का पैगाम देकर इंसानियत मजबूत करनी चाहिए. मोमीन रोजा रखें, नमाज पढ़ें, इससे ईमान मजबूत होता है. गरीबों को खाना खिलाकर हम दुआएं हासिल करें. उन्होंने कहा कि रमजान में सिर्फ खाने.पीने का ही परहेज नहीं है, बल्कि गलत बोलने और सुनने पर भी पाबंदी है.
ये भी पढ़ें- Chittorgarh News: महज 15 रुपयों को लेकर एडिशनल एसपी ने धोबी को जड़ा थप्पड़, बदले में धोबी के बेटे ने SP को पीटा
रोजे रखने का असल मकसद महज भूख-प्यास बर्दाश्त करना नहीं है. बल्कि नफ्स पर काबू, अल्लाह के तरीके पर अकीदत और सही राह पर चलना है. रोजे के दौरान झूठ बोलने, चुगली करने, किसी पर बुरी निगाह डालने एवं हर छोटी से छोटी बुराई से दूर रहना जरूरी है. शाले मोहम्मद ने बताया कि रमजान के मायने संपन्न लोगों को भूख-प्यास का अहसास कराकर पूरी कौम को अल्लाह ताला के करीब लाकर नेक राह पर डालना है.