Rajasthan News: जनवरी और फरवरी के महीने में भारत में रबी की फसलों की बुवाई का समय होता है. ऐसे में किसान पानी सप्लाई की ओर निगाहें लगाए हुए हैं, लेकिन सरहदी जिले जैसलमेर में किसानों की इस पानी की उम्मीद पर रसूखदार पानी फेरते नजर आ रहे हैं. दबंग नहर के बीच पत्थर और रेत सीमेंट डालकर नहर के नालों को बंद कर पानी को रोक रहे है, जिससे सैकड़ों किसान को खेती के लिए पानी ही नसीब नहीं हो रहा है. ऐसे में कुछ किसान आत्महत्या करने की भी बात कर रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई भले ही लागू की गई हो और इसका मूल उद्देश्य खेतों में किसी तरह सिंचाई के साधन उपलब्ध कराने का रहा हो, लेकिन समय बीत जाने के बाद भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच सका. 
 
अधिकारियों को कई बार ज्ञापन देने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
मारवाड़ की मरूगंगा कहलाई जाने वाली इंदिरा गांधी नहर परियोजना, जिसकी आवक से जहां रेतीले धोरों के किसानों के चेहरे पर खुशी की झलकियां देखनी शुरू हुई थी. वहीं, बीते एक दशक से कुछ दबंगों ने इस नहर पर पैनी नजर रख दी है, जिसके चलते जैसलमेर में नहर में से पानी चोरी हो रहा है. नहर में पानी चोरी का यह सिलसिला लगातार जारी है जिससे देवा गांव के किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. पानी चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने को लेकर किसान नहर विभाग, जिला प्रशासन और नेताओं को ज्ञापन दे-दे कर थक चुके हैं, मगर इनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. नहर का पानी न मिलने से गांव के किसानों की फसलें सूखने के कगार पर है. सिंचाई की व्यवस्था होने के बावजूद खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दबंगों की चांदी, सैकड़ों किसानों के सपनों पर फिर रहा पानी
इंदिरा गांधी नहर की सागरमल गोपा वितरिका की 47 आरडी से देवा माइनर निकलता है, जिसकी 54 आरडी से चावंडा माइनर निकलती है, जहां के किसान सालो से पानी चोरी का दंश झेल रहे हैं. चावंडा माइनर में 7 सीएडी खाले निकलते हैं और यहां 350 से 400 किसानों के मुरब्बे हैं जो काश्त तो करते हैं, मगर पूरा पानी नहीं मिलने से फसलें नष्ट हो रही हैं. देवा माइनर पर 9 वैध खाले (मोगे) स्वीकृत हैं, जिनके द्वारा 450 से 500 किसानों को पानी पहुंचता हैं, मगर कुछ दबंग और रसूखदारों द्वारा देवा माइनर पर कुल 32 अवैध खाले (मोगे) बनाकर पानी चोरी कर लिया जाता है. इसके अलावा चावंडा माइनर के आगे दबंगों द्वारा रेत डालकर उसे बंद कर दिया जाता हैं. 


भजनलाल सरकार से उम्मीद किसानों को उम्मीद 
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हो या कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी या जैसलमेर के जिला कलेक्टर या प्रशासन, गांवों के संग शिविर किसानों ने हर किसी को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन कुछ खास फायदा नहीं हुआ. किसान बाबूलाल माली ने नहर विभाग के कनिष्ठ अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि ये लोग पानी चोरी करने वालों से मिले हुए हैं और हर साल एक अवैध मोगे के 1 से 2 लाख लेकर पानी चोरी की खुली छूट देते हैं. वहीं,  ऐसे में किसानों का कहना है कि अब भजनलाल सरकार से उम्मीद है कि आखिर वो हमारी सुध कब लेती है. 


ये भी पढ़ें- वन विभाग की अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 100 बीघा में खडी फसल को किया नष्ट