Jaisalmer news: राजस्थान के जैसलमेर में विश्वविख्यात धार्मिक स्थल रामदेवरा में बाबा रामदेवजी की समाधी पर छोटी ध्वजा, पानी वाला नारियल और छोटी अगरबत्ती के पैकेट को पूजा सामग्री के साथ चढ़ाने के लिए बंद कर दिया गया है. रामदेवरा में बाबा की समाधी पर पूजा सामग्री में ज़्यादातर दुकानदारो के द्वारा अधिक प्रसाद बेचने के नाम पर श्रद्धालुओं को अपने मन गढ़त सामान भी प्रसाद के साथ दे दिया जाता है. ऐसे में श्रद्धालु के द्वारा अतिरिक्त पूजा सामग्री को क़तारो के पास ही डाल दिया जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़े- राजस्थान में बिजली संकट गहराया,उद्योगों में बिजली कटौती,किसानों-आमजन को नहीं होगी परेशानी


 जिसके कारण बाबा रामदेव समाधी समिति को मेले के दौरान और प्रति वर्ष लाखों रूपये सफ़ाई व्यवस्था के नाम पर खर्च करने पड़ते है. वही पैरो में आने के कारण श्रद्धालुओ की भावनाएं भी आहत हो रही थी. अब समाधि पर छोटी ध्वजा और अगरबती चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है. बाबा रामदेव समाधी समिति के द्वारा वर्षों से बढ़ रही पूजा सामग्री को सीमित करने की कोशिश की जा रही है ताकि श्रद्धालुओं की जेब पर अतिरिकभार ना पड़े. इस सामग्री पर रोक के बावजूद प्रसाद विक्रेताओं के द्वारा छोटी ध्वजा 10 रूपये, पानी वाला नारियल 30 रूपये, अगरबत्ती 10 रूपये, डालीबाई की चूनरी 10 रूपये, डाली बाई का शृंगार 10 रूपये आदि सामान को पूजा सामग्री में डाल कर श्रद्धालुओंपर अतिरिक्त भार बढ़ा दिया जाता है.


यह भी पढ़े-  Video: शादी से पहले लहंगे में दुल्हन ने किया खतरनाक स्टंट, लोग बोले- दूल्हा भाग जाएगा


यह सामग्री मिलती है कचरे के ढे़र में


प्रसाद विक्रेताओं के द्वारा यह पूजा सामग्री श्रद्धालु को देने के बाद श्रद्धालु भी क़तारो के पास लोगों के पाँव में इस पूजा सामग्री को डाल देता है जिसके बाद वही ध्वजा लोगों के पाँव और कचरे में पड़ी मिलती है. इसके कारण बाबा रामदेव समाधी समिति के द्वारा इस सामग्री पर रोक लगाई गई है. पानी वाला नारियल पिछले कई वर्षों से बंद होने के बावजूद भी दुकानदारो के द्वारा श्रद्धालुओं को बेचा जा रहा है. ऐसे में समय समय पर प्रशासन के द्वारा भी पानी वाले नारियल को ज़ब्त कर कार्यवाही की जाती है. गौरतलब है कि बाबा रामदेव जी के श्रद्धालुओ द्वारा भी छोटी धवजाओ और अगरबती चढ़ाने पर रोक लगाने की मांग की जा रही थी.